इस्लामाबाद : मनी लॉन्ड्रिंग में वैश्विक बैंकों की भूमिका के आधार पर कम से कम छह पाकिस्तानी बैंकों का नाम जांच में सामने आया है, जो कम से कम 25 लाख डॉलर तक का है। ‘इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स’ (आईसीआईजे) और बजफीड न्यूज ने एक जांच की और पाया कि पाकिस्तानी बैंकों से संबंधित लगभग 25 लाख डॉलर की रकम का कम से कम 29 संदिग्ध लेनदेन हुआ, जिनका इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया गया हो सकता है।
ये छह बैंक एलाइड बैंक, युनाइटेड बैंक लिमिटेड (यूबीएल), हबीब मेट्रोपॉलिटन बैंक, बैंक अल्फलाह, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक पाकिस्तान और हबीब बैंक लिमिटेड हैं। जांच के अनुसार, वर्ष 2011 और 2012 के दौरान सभी 29 संदिग्ध लेनदेन किए गए थे। आईसीआईजे के साथ साझा किए गए बजफीड न्यूज के जांच विवरण से पता चला है कि अमेरिकी ट्रेजरी डिपार्टमेंट की इंटेलिजेंस यूनिट, फाइनेंशियल क्राइम एनफोर्समेंट नेटवर्क ने 2,100 से अधिक संदिग्ध गतिविधि रिपोर्ट दर्ज की हैं।
रिपोर्ट में पता चला कि वैश्विक बैंकों ने संदिग्ध भुगतानों में 1999 और 2017 के बीच 2 खरब डॉलर से अधिक का कारोबार किया।
पाकिस्तानी बैंकों के आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तान से 29 संदिग्ध में से 1,942,560 डॉलर का रिसीव ट्रांजेक्शन हुआ, जबकि भेजे गए डॉलर का ट्रांजेक्शन 452,000 डॉलर रहा, जिसमें अलाइड बैंक द्वारा कम से कम 12 संदिग्ध लेनदेन, युनाइटेड बैंक लिमिटेड द्वारा आठ, बैंक अल्फलाह द्वारा तीन, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक द्वारा चार और हबीब बैंक लिमिटेड द्वारा एक संदिग्ध ट्रांजेक्शन शामिल है।
रिपोर्ट ने पाकिस्तान की चरमराती अर्थव्यवस्था की वैश्विक छवि और मनी लॉन्ड्रिंग पर उसकी स्थिति पर एक और धब्बा लगा दिया है। यह ऐसे समय में आया है, जब पाकिस्तान आतंकी वित्त पोषण और मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की 27-बिंदु-कार्य योजना को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। पाकिस्तान वर्तमान में एफएटीएफ की ग्रे सूची में है और ब्लैक लिस्ट में डाले जाने से बचने के लिए कार्य योजना के अनुपालन पर काम कर रहा है।