महाराजा अग्रसेन इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट स्टडीज के विधि विभाग में नव प्रविष्ट छात्रों का ओरिएंटेशन कार्यक्रम

दिल्ली : महाराजा अग्रसेन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट स्टडीज, रोहिणी, दिल्ली के विधि विभाग में बुधवार को बी.ए.एल.एल.बी. तथा बी.बी.ए. एल.एल.बी. 2021-22 नवसत्र के नव प्रविष्ट छात्रों और उनके अभिवावकों के लिए अभिविन्यास कार्यक्रम (ओरिएंटेशन कार्यक्रम) का आयोजन किया गयाI कार्यक्रम संस्थान के ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया।

कार्यक्रम का शुभारम्भ सरस्वती वंदना तथा अतिथियों के स्वागत के साथ हुआ।
संस्थान के महानिदेशक प्रो. (डॉ) एस.के. गर्ग ने नव सत्र के छात्रों और उनके अभिवावकों को सम्बोधित किया। विधि विभाग और उसके द्वारा चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों के बारे में बताया। उन्होंने कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद रोजगार के विभिन्न अवसरों के बारे में भी बताया।
नई शिक्षा नीति में जो इंटर डिसिप्लिनरी अध्यन की बात कही गई है, उसपर उन्होंने विशेष बल दिया।

बीएएलएलबी अंतिम वर्ष के अभिषेक वत्स और दीक्षा चुग ने छात्र प्रशंसापत्र
(स्टूडेंट्स टेस्टीमोनियल) प्रस्तुत किया और पिछले चार वर्ष के अपने रोचक अनुभव साझा किए।
अंतिम वर्ष के ही अब्दुल समद ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई द्वारा रचित “कदम मिला कर चलना होगा” कविता का सुन्दर पाठ किया।

समारोह के अतिथि हेमंत बत्रा जो कमर्शियल एंड पब्लिक पालिसी अधिवक्ता और सार्क (लॉ) नामक संस्था के वाईस – प्रेजिडेंट हैं ने छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि एक कानून का ज्ञाता अपने पूरे जीवन काल में एक छात्र होता है जो जीवन पर्यंत सीखता है। उन्होंने पुस्तकों को लगातार पढ़ने के लिए छात्रों को प्रेरित किया और कहा कि एक इंसान को हमेशा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से ऊपर रहना होगा। उन्होंने हमेशा नैतिकता की राह पर चलने की सलाह दी।

प्रो. (डॉ.) ए.पी. सिंह, डीन, यू.एस.एल.एल.एस. (गुरु गोबिंद सिंह इंद्रपस्थ विश्वविद्यालय, दिल्ली) जो समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित थे, सभा को सम्बोधित करते हुए अपने अनुभव साझा किये और छात्रों को सलाह दी कि भाषा पर स्वामित्व हासिल करना एक विधि ज्ञाता के लिए बहुत जरूरी है। उन्होंने भी नैतिकता की राह पर चलने और ईगो या घमंड को अपने से दूर रखने की सलाह दी। “विद्या ददाती विनयम” को अपने जीवन में उतारने की सलाह दी।

समारोह के मुख्य अतिथि हाई कोर्ट, दिल्ली से सेवानिवृत माननीय जज चंद्र शेखर जो आर.ई.ए.टी. दिल्ली और चंडीगढ़ के चेयरपर्सन हैं, ने अपने उद्बोधन में कहा कि कठोर परिश्रम, लक्ष्य का निर्धारण, धाराप्रवाह बोलना, मस्तिष्क की सजगता आदि एक अच्छे न्यायविद की पहचान है।

धन्यवाद ज्ञापन करते हुए संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष मुख्य संरक्षक एवं महाराजा अग्रसेन विश्वविद्यालय, बद्दी (हि. प्र.) के कुलाधिपति, डॉ. नन्द किशोर गर्ग ने छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा की आज महाराजा अग्रसेन इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट स्टडीज का पूरे दिल्ली में दूसरा स्थान प्राप्त है और यह जल्द ही पहला स्थान प्राप्त करने के लिए प्रयासरत है। विधि छात्र के ऊपर बहुत जिम्मेदारी है…जैसे केसों का जल्द निस्तारण और कानून का नैतिकता से पालन कराना। नई टेक्नोलॉजी और नए विचारों से विधि के क्षेत्र में अवश्य ही नई क्रांति का सूत्रपात होगा।

मेट्स के एडवाइजर प्रो.(डॉ.) जी.पी. गोविल, संस्थान के निदेशक प्रो.(डॉ.) रवि कुमार गुप्ता और विधि विभाग की प्राचार्या प्रो.(डॉ.) रजनी मल्होत्रा ढींगरा ने भी इस कार्यक्रम में भाग ले कर इसकी शोभा बढ़ाई।
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।

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