संस्था अर्चना ने किया मां दुर्गा का शब्दों से आह्वान

कोलकाता। बंगाल की धरती पर माँ उतरी हैं जो घर-घर के तमस को दूर कर आलोक से पूर्ण कर देती हैं। पूरे राज्य में सुंदर-सुंदर पंडालों में देवी को स्थापित कर अर्चना वंदना की जाती है। कला, संगीत और साहित्य की विभिन्न विधाओं में माँ दुर्गा का आवाह्न करते हैं और शक्ति की उपासना करते हैं। अर्चना संस्था ने अपनी स्वरचित कविताएँ गीत और शब्दों की अंजूरी से माँ दुर्गा का आवाह्न किया। गुजरात से भारती मेहता ने भाव अंजलि देते हुए अपनी रचना- स्वर देवी को सुरों से दे रहे हम श्रद्धांजलि!/जीवन को आलोकित किया दे ज्ञान की अनुपम कृपा,/नत शिर नमन कर उन्हें दे रहे भाव अंजलि!/ मां शक्ति दो, मां भक्ति दो/ मां बोध दो, मां ज्ञान दो सुनाई।

बनेचंद मालू ने कविताएँ “तेरे नाथ हैं तेरे साथ, सिर पर उनका हाथ, तो फिर क्या डर है। उनको तेरी खबर है। “और भगवान का इंटरव्यू” सुनाया। एक नई विधा लांगुरिया गीत-टेक-सखी री! गाओ रे गुणगान सखी री! गाओ रे गुणगान।/उडान-भवानी रूप देख हैरान भवानी रूप देख हैरान। हिम्मत चोरड़िया प्रज्ञा ने गीत सुनाया जो अद्भुत रहा। माँ को ढोल नगाड़ों के साथ सुशीला चनानी अपने गीतों से स्वागत करती हैं- मैया मेरे शहर में आयी है/ढोल नगाडो की ध्वनि के संग बजे शहनाई है/तेरे भक्त पुकारें आजा/बढ रहा है भ्रष्टाचार/हो रहा है अनाचार/आकर तू इसको मिटा जा।अत्याचारों का विनाश करने के लिए प्रार्थना करती हैं।

डॉ. वसुंधरा मिश्र ने माँ दुर्गा के नौ रूपों में महागौरी पर कविता सुनाई जिसमें माँ की उपासना को जीवन में उतारने पर बल देते हुए कहा कि महा गौरी का संकल्प लेकर देखो/ध्यान के उच्च शिखर पर पहुंचने की कोशिश करें /पतझड़ के रंगों में रंगें वसंत को लाकर देखो/सागर की उत्ताल तरंगों की बिजली को पहचानना होगा/आकाश से परे अंतरिक्ष के तेज को प्राणों से जोड़ना होगा।

मृदुला कोठारी माँ दुर्गा से अपने गीतों के माध्यम से धरती पर उतरने का संदेश देती हैं- हिम शिखरों से ज्योति किरण ले। उतरो जरा तुम मां/कण कण-मे है छाया अंधेरा भर दो उजाला मां/ओ पवन तू जा री जा माता के दर् तू जा री जा/इतना संदेश हो मेरा कहियो जा/मेरा प्यार उनसे कहिए, संजु कोठारी ने माँ से मन के अंधेरे को मिटाने के लिए अपने भाव व्यक्त किए – मेरे मन के अंध तमस में ज्योतिर्मयी उतरो/इंदु चांडक के गीत- अम्बे तुम देवों की/एकता की प्रतीक हो द्वारा देश की संस्कृति की एकता की मिसाल दी है। डॉ. वसुंधरा मिश्र ने बताया कि कार्यक्रम का संचालन करते हुए सुशीला चनानी ने नवरात्रि की नौ देवियों की शक्तियों का उल्लेख किया जो बहुत ही महत्वपूर्ण और समसामयिक जानकारी रही।

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