ईस्टर्न फ्रंटियर रायफल्स की स्थापना दिवस पर विशेष…

ईएफआर के इतिहास के पन्नों से, गोपाल नेवार की कलम से…

गोपाल नेवार, “गणेश” सलुवा

खड़गपुर : मुझे यह बताते हुए इतना गर्व महसूस हो रहा है कि जिनका मैं शब्दों में बयाँ नहीं कर सकता हूँ। मुझे इस बटालियन की जानकारी इसी वाहिनी की माध्यम से ही मिली है, क्योंकि मैं इसी वाहिनी का एक हवलदार रह चुका हूँ, तो आईए ईएफआर बटालियन के अतीत के यादों से रूबरू हो जाए।

1) ईएफआर बटालियन पश्चिम बंगाल के 114 साल सबसे पुरानी बटालियन में से एक है। इस बटालियन की स्थापना  01 नवम्बर 1907 को ढाका बांगलादेश में (डीएमपी) ढाका मिलिटरी पुलिस के नाम से हुई थी। इस बटालियन के प्रथम कमांडेंन्ट 2nd G.R. के Capt. E.G.Bramhead थे।

2) 1920 में डीएमपी वाहिनी के नाम को संंशोधित करके (ईएफआर) ईस्टर्न फ्रंटियर रायफल्स (पारा मिलिटरी) (अर्द्ध सैनिक बल) रखा गया। उस समय के कमांडेन्ट Lt.Col. D.H.Macpherson थे।

3) 01 सितम्बर 1947 को ढाका से स्थानांतरित करके बटालियन को खड़गपुर के हिजली पर लाया गया। उस समय के कमांडेन्ट W.F.Gibbs  IP थे। इनके सेवानिवृत के पश्चात 25 मई 1948 को G.C.Dutta IPS ने कमांडेन्ट की भार संभाली। 07 अप्रैल 1950 को इनके स्थानांतरित के पश्चात ईएफआर प्रथम बटालियन में कमांडेन्ट के लिए 2/9. G.R के Major M.S.Thapa (गोरखा) को नियुक्त किया गया। 1951 में ईएफआर को हिजली से हटाकर सलुवा में स्थापित किया जो आज भी यहीं सलुवा पर ही स्थित है। Major M.S.Thapa ने 15 वर्ष तक कमांडेन्ट के पद पर रहकर सलुवा से अवकाश प्राप्त की।

4) हिजली से ईएफआर बटालियन को हटाने के पश्चात वहाँ (आईआईटी) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान का निर्माण किया गया यह संस्थान आज देश की शान बना हुआ है।

5) 1962 में चीन ने जब भारत पर जंग छेड़ दी थी, उस दरमियान भारत सरकार ने ईएफआर द्वितीय वाहिनी की गठन की जिन्हें सलुवा में ही रखा गया। इस बटालियन के कमांडेन्ट J.W.Goodall थे।

6) 1982 के नवंबर महीने में ईएफआर प्रथम बटालियन के 75 वर्ष पूर्ण होने की खुशी में प्लैटिनम जुबिली बड़े ही धूम-घाम, हर्षोल्लास के साथ मनाई गई थी। इस समापोह में पश्चिम बंगाल के मुख्य मंत्री ज्योति बसु मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए थे। इस दौरान D.K.Ghosh IPS प्रथम बटालियन के कमांडेन्ट थे।

7) 1984 में भारत सरकार ने ईएफआर बटालियन की तृतीय बटालियन की स्थापना करके ईएफआर ब्रिगेड़ बनाई। ईएफआर ब्रिगेड़ के प्रथम डीआईजी के पद पर S.K.Sarkar, IPS को पद भार सौंपा गया था।

8) आज पश्चिम बंगाल सरकार ईएफआर वाहिनी को ही अपने राज्य की सबसे पुरानी अनुशासित वाहिनी के रूप में मानती है जो ईएफआर ब्रिगेड़ के लिए गर्व की बात है।

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