दिनकर राष्ट्रीय चेतना का उजाला बिखेरने वाले भारत के साहित्यिक सूर्य थे- भाष्कर झा
कोलकाता। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती पर राष्ट्रीय कवि संगम की दक्षिण हावड़ा इकाई ने, संस्था के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. गिरधर राय की अध्यक्षता में एक अभूतपूर्व आभासीय काव्य गोष्ठी का सफल आयोजन किया। जिसमें संयोजन का भार सम्भाला संस्था की जिला अध्यक्ष हिमाद्रि मिश्रा ने एवं संचालन किया जिला मीडिया प्रमुख नीलम झा ने। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में सुविख्यात साहित्यकार भास्करानंद झा भास्वर एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रांतीय उपाध्यक्ष श्यामा सिंह एवं प्रांतीय महामंत्री राम पुकार सिंह ने उपस्थित होकर कार्यक्रम को चार चाँद लगा दिए। कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ हिमाद्रि मिश्रा की सुमधुर सरस्वती वन्दना एवं नीलम मिश्रा के स्वागत भाषण के साथ।
तत्पश्चात पटल पर उपस्थित विभिन्न साहित्य प्रेमियों ने कविवर दिनकर की लिखी रचनाओं का पाठ कर इस अवसर को और भी अविस्मरर्णीय बना दिया। जिन सुधीजनों ने दिनकर की रचनाओं को अपना कंठ दिया उनके नाम हैं – हिमाद्रि मिश्रा, मनोरमा झा, कंचन कंठ, रंजना झा, भारती मिश्रा, नीलम मिश्रा, नीलम झा, प्रणति ठाकुर, ममता सिंह, स्वागता बसु, कामायनी संजय, राम पुकार सिंह एवं श्यामा सिंह। इस अवसर पर- आलोक चौधरी, कमल पुरोहित एवं डॉ. शिप्रा मिश्रा ने दिनकर पर लिखी अपनी स्वरचित रचनाएँ प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया।
अपने वक्तव्य के दौरान कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भास्वर जी ने कविवर दिनकर के प्रति अपने भाव पुष्प अर्पित करते हुए कहा – दिनकर राष्ट्रीय चेतना का उजाला बिखेरने वाले भारत के साहित्यिक सूर्य थे एवं कविवर की लेखनी युगों-युगों तक भारत के जनमानस के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगी। अंत में कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ. गिरिधर राय ने दिनकर की कविता विपथगा की आवृत्ति की एवं अपनी स्वरचित रचना – कविवर अब अंगार लिखो तुम, सुनाकर वातावरण को और भी ओजमय कर दिया।
इसके पश्चात विगत 22 सितम्बर, 2023 को हुए दिनकर जी के छोटे पुत्र केदारनाथ सिंह के आकस्मिक देहांत पर, पटल पर उपस्थित सभी लोगों ने एक मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि प्रदान की। इस कार्यक्रम में श्रोताओं के रूप में रामाकांत सिन्हा, डॉ. उर्मिला साव कामना, अर्चना ठाकुर, मौसमी प्रसाद एवं कृष्णानंद मिश्रा सहित अनेक सुधीजन उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन भारती मिश्र के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।