वाराणसी। रखें व्रत, बनेंगे सारे बिगड़े काम, सनातन धर्म में एकादशी तिथि भगवान विष्ण को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। साथ ही भगवान विष्णु के निमित्त व्रत-उपवास रखा जाता है। भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही मृत्यु उपरांत बैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है। इस वर्ष कामिका एकादशी 31 जुलाई को है। यह पर्व हर वर्ष सावन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। कामिका एकादशी तिथि पर दुर्लभ ध्रुव योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है।
शुभ मुहूर्त : सावन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 30 जुलाई को संध्याकाल 04 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 31 जुलाई को संध्याकाल 03 बजकर 55 मिनट पर होगा। अत: 31 जुलाई को कामिका एकादशी मनाई जाएगी। जबकि, 1 अगस्त को सुबह 05 बजकर 43 मिनट से लेकर 08 बजकर 24 मिनट के मध्य साधक पारण कर सकते हैं।
ध्रुव योग : कामिका एकादशी पर दुर्लभ ध्रुव योग का निर्माण हो रहा है। कामिका एकादशी तिथि पर ध्रुव योग दोपहर 02 बजकर 14 मिनट तक है। इस योग में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है। साथ ही शुभ कार्यों में सफलता मिलती है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी दिन भर है।
शिववास योग : देवों के देव महादेव कामिका एकादशी पर जगत की देवी मां पार्वती के साथ कैलाश पर्वत पर विराजमान रहेंगे। भगवान शिव दोपहर 03 बजकर 55 मिनट तक कैलाश पर रहेंगे। इसके बाद नंदी पर सवार होंगे। इस दौरान भगवान शिव का अभिषेक करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होगी। इस तिथि पर बालव और कौलव करण के योग भी बन रहे हैं। साथ ही रोहिणी नक्षत्र का भी संयोग बन रहा है।
ज्योतिर्विद रत्न वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 99938 74848
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