ओमिक्रॉन को हल्के में नहीं लेना चाहिए : सरकार

नयी दिल्ली। सरकार ने कोविड के नये रूप ओमिक्रॉन के संक्रमण को हल्के में नहीं लेने की चेतावनी देते हुए कहा है कि स्वास्थ्य कर्मियों, कोरोना योद्धाओं और वरिष्ठ नागरिकों को कोविड टीके की अतिरिक्त खुराक वही होगी, जो टीका उन्होंने पहले लिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में सचिव लव अग्रवाल, नीति आयोग में स्वास्थ्य सदस्य डा. वी के पाल और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डा. बलराम भार्गव ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ओमिक्रॉन को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। इससे बचने के लिये कोविड मानकों की सख्ती से पालन करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन को प्राकृतिक प्रतिरोधी क्षमता के टीके के रूप में लेने के घातक परिणाम हो सकते हैं। अग्रवाल ने कहा कि देश में कोविड टीकाकरण चल रहा है और संक्रमण के घातक असर से बचने के लिए कोविड टीका अवश्य लेना चाहिए और कोविड मानकों का पालन अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए। देश में 90.8 प्रतिशत पात्र आबादी को कोविड टीके की पहली और 69.9 प्रतिशत को दूसरी खुराक दी जा चुकी है। इसके अलावा 15 से 18 वर्ष की आयु वर्ग में एक करोड़ से अधिक टीके लगाये जा चुके हैं।

देश में 22 राज्यों में 90 पात्र आबादी को कोविड टीके की पहली खुराक और 19 राज्यों में 70 प्रतिशत पात्र आबादी को दूसरी खुराक भी दी जा चुकी है। अग्रवाल ने कहा कि देश के कई हिस्सों में कोविड संक्रमण तेजी से फैल रहा है। छह राज्यों महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल केरल, दिल्ली, कर्नाटक और तमिलनाडु में प्रतिदिन 10 हजार से अधिक मामले सामने आ रहे हैं। देश के 156 जिलों में कोविड संक्रमण दर 2.5 प्रतिशत और 28 जिलों मे 10 प्रतिशत से अधिक है।

डा. भार्गव ने कहा कि ओमिक्रॉन की जांच क्यों लिए परीक्षण किट को मंजूरी दे दी गयी है। इससे मात्र चार घंटे में परिणाम प्राप्त किये जा सकते हैं। डा. पाल ने कहा कि ओमिक्रॉन का संक्रमण तेजी से फैलता है, इस लिए बचाव पर ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमितों की होम आईसोलेशन की अवधि घटाकर सात दिन कर दी गयी है। संक्रमित व्यक्ति और परिवार को तीन परत वाला मास्क पहनना चाहिए और बिना चिकित्सक के किसी भी दवा का सेवन नहीं करना चाहिए।

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