चंडीगढ़ : कृषि बिलों का विरोध करते हुए और चल रहे किसान आंदोलन के साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हुए राज्यसभा सांसद सुखदेव सिंह ढींडसा ने घोषणा की कि साल 2019 में उन्हें मिले पद्मभूषण सम्मान को लौटा रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ढींडसा शिरोमणि अकाली दल (डेमोक्रेटिक) के प्रमुख भी हैं। यह दल सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व वाले एसएडी का एक अलग समूह है।
वह एसएडी संरक्षक प्रकाश सिंह बादल के बाद पंजाब के दूसरे ऐसे नेता हैं, जिन्होंने ‘भारत सरकार द्वारा किसानों के साथ विश्वासघात’ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की पैरवी करने के लिए अपना पद्मविभूषण लौटाया है। ढींडसा को मार्च 2019 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। उन्होंने मीडिया को बताया कि वह कृषि कानूनों के विरोध में अपना अवॉर्ड लौटा रहे हैं।
उन्होंने कहा, “किसानों को नजरअंदाज किया जाता है, इसलिए यह अवॉर्ड बेकार है।” गौरतलब है कि उनकी पार्टी में एसएडी के विद्रोही शामिल हैं, जिन्होंने साल 2017 के चुनाव की हार के लिए सुखबीर बादल को दोषी ठहराया और शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी के बाद इसमें उनकी ‘संदिग्ध’ भूमिका का दावा किया।