तीसरी लहर बच्चों के लिए घातक साबित होगी, इसका कोई डेटा नहीं : एम्स प्रमुख

नई दिल्ली। National Desk : कोरोना की तीसरी लहर (थर्ड वेव) या भविष्य में कोरोना का गंभीर संक्रमण बच्चों में देखने को मिलेगा, इसके कोई प्रमाण नहीं हैं। यह बात एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने मंगलवार को कही। यहां एक मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह गलत सूचना है कि कोविड-19 महामारी की लहरें बच्चों में गंभीर बीमारी का कारण बनने वाली हैं।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक ने कहा कि भारत का या विश्व का डेटा देखें तो अब तक ऐसा कोई संकेत नहीं मिलता कि बच्चे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि यहां तक कि दूसरी लहर के दौरान भी जो बच्चे संक्रमित हुए हैं, उन्हें हल्का संक्रमण हुआ या फिर वह पहले से किसी गंभीर बीमारी की चपेट में थे। गुलेरिया ने कहा कि भारत में दूसरी लहर के दौरान संक्रमित होने और अस्पतालों में भर्ती होने वाले 60 से 70 प्रतिशत बच्चों को या तो गंभीर बीमारी थी या कम प्रतिरक्षा थी।

उन्होंने कहा कि बच्चे अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता के बिना ही ठीक भी हो गए। गुलेरिया ने आगे कहा कि कोविड उपयुक्त व्यवहार भविष्य की लहरों को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी. के. पॉल ने सोमवार को इसी प्रकार का बयान दिया था।

यह बताते हुए कि महामारी फिर से क्यों लौटती है, एम्स के निदेशक ने कहा, लहरें आमतौर पर श्वसन वायरस के कारण आती हैं और 1918 स्पेनिश फ्लू, एच1एन1 (स्वाइन) फ्लू इसका एक उदाहरण है।गुलेरिया ने कहा, 1918 के स्पेनिश फ्लू की दूसरी लहर सबसे बड़ी थी, जिसके बाद एक छोटी तीसरी लहर आई थी। और जैसा कि हम जानते हैं, सार्स-सीओवी-2 एक श्वसन वायरस है।

एम्स के निदेशक डॉ. गुलेरिया ने कहा, जब पर्याप्त लोगों को टीका लगाया जाता है या जब हम संक्रमण के खिलाफ प्राकृतिक प्रतिरक्षा हासिल कर लेते हैं, तो ये लहरें रुक जाएंगी। इसका एकमात्र तरीका कोविड के उचित व्यवहार का सख्ती से पालन करना है।

इस बीच मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अब देशव्यापी टीकाकरण अभियान को और अधिक सार्वभौमिक बनाने के उद्देश्य से 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिकों को सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में निशुल्क टीके की खुराक दी जाएगी।

राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के दिशा-निर्देशों में इन बदलावों की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के तत्काल बाद की कार्रवाई में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविशील्ड की 25 करोड़ खुराक की खरीद का आदेश सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को और कोवैक्सीन की 19 करोड़ खुराक की खरीद का आदेश भारत बायोटेक को दिया है। कोविड-19 टीकों की यह 44 करोड़ खुराकें अब से दिसंबर 2021 तक उपलब्ध होंगी।

इसके अतिरिक्त दोनों कोविड टीकों की खरीद के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बयोटेक को अग्रिम राशि का 30 प्रतिशत जारी कर दिया गया है।मंत्रालय के अनुसार, केंद्र सरकार ने अब तक निशुल्क और राज्य सरकारों द्वारा सीधी खरीद की सुविधा के जरिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को 24,65,44,060 वैक्सीन की खुराकें मुहैया कराई हैं।

आज सुबह आठ बजे तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार इन खुराकों में से खराब होने वाली खुराकों सहित 23,47,43,489 खुराकों की खपत हुई है।राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास लगाए जाने के लिए अब भी 1.19 करोड़ से अधिक खुराकें मौजूद हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

fourteen + 9 =