महागठबंधन टूटने में नीतीश को न रूचि, न दिलचस्पी, कहा, ‘वे जानें अपना जो करना है’

पटना। बिहार में दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव से पहले विपक्षी दलों का महागठबंधन टूटने के कगार पर पहुंच गया है। इसे लेकर महागठबंधन के दो प्रमुख घटक दल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस के बीच जमकर बयानबाजी हो रही है, लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा कि इसमें उन्हें न कोई रूचि है और नहीं कोई दिलचस्पी है?

पटना में कृषि विभाग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे मुख्यमंत्री से जब पत्रकारों ने महागठबंधन टूटने के संबंध में एक प्रश्न पूछा तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा, वे जानें अपना जो करना है करें। इसमें हम लोगों की न कोई रूचि है और नहीं दिलचस्पी है।

उल्लेखनीय है कि बिहार में कुशेश्वरस्थान और तारापुर विधानसभा क्षेत्रों में हो रहे उपचुनाव में राजद और कांग्रेस ने अपने-अपने प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतार दिए हैं। कांग्रेस और राजद के नेता लगातार एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। इस क्रम में कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्तचरण दास ने शुक्रवार को कहा, आज हम 2 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस आगे अपने आप की ताकत पर खड़ी होगी और आने वाले लोकसभा चुनाव में अपने बूते बिहार की सभी 40 लोकसभा सीटों पर लड़ेगी।

दास के इस बयान के बाद यह कयास लगाया जाने लगा है कि अब महागठबंधन में टूट तय है। हालांकि अब तक इसकी औपचारिक घोषणा नहीं हुई है।शुक्रवार को ही उपचुनाव में प्रचार के लिए पहुंचे कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार और हार्दिक पटेल ने भी राजद पर जमकर निशाना साधा। कुशेश्वर स्थान और तारापुर विधानसभा क्षेत्र में 30 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगें, जबकि दो नवंबर को वोटों की गिनती होगी।

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