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पटना। बिहार में तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड ने (जदयू) आज राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से नाता तोड़ लिया। जदयू के सांसदों और विधानमंडल दल की मंगलवार को यहां हुई बैठक में इस पर मुहर लगी है। बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जदयू के सांसदों और विधायकों को बताया कि कैसे भाजपा उनके दल को तोड़ने की कोशिश कर रही है और ऐसे में अब भाजपा के साथ नाता नहीं रखना चाहते हैं। कुमार ने कहा कि कोई उनके दल को तोड़े यह कहीं से भी उचित नहीं है। बैठक में मौजूद सभी नेताओं ने कुमार को निर्णय लेने के लिए अधिकृत भी किया, जिसके बाद उन्होंने भाजपा से नाता तोड़ने की घोषणा की।
जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में नए गठबंधन बनने की बधाई देते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, ‘‘नए स्वरूप में नए गठबंधन के नेतृत्व की जवाबदेही के लिए नीतीश कुमार जी को बधाई। नीतीश जी आगे बढ़िए। देश आपका इंतज़ार कर कर रहा है। बिहार से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी महासचिव तारिक़ अनवर ने भी एक निजी चैनल से बातचीत में इस बात की पुष्टि की है कि नीतीश कुमार राज्यपाल से मिलने जा रहे हैं।
महागठबंधन के घटक दलों के महत्वपूर्ण नेताओं के साथ सीएम नीतीश कुमार राज्यपाल से मिलकर समर्थन पत्र सौंपेंगे। इस बीच भाजपा के आला नेताओं की बैठक भी उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के आवास ‘5 देशरत्न मार्ग’ पर जारी है। भाजपा का नेतृत्व मीडिया से बात करने से बच रहा है। इससे पूर्व जदयू के नालंदा से सांसद कौशलेन्द्र ने भी दावा किया कि पार्टी के विधायकों को भाजपा की ओर से तोड़ने के लिए प्रलोभन दिया गया था।
विधायकों को भाजपा की ओर से छह-छह करोड़ रुपए का ऑफर देने की बात कही गई। यहां तक कि रविवार को जदयू अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने भी कहा था कि वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमर को कमजोर करने के लिए चिराग मॉडल अपनाया गया था। बाद में आरसीपी सिंह के रूप में फिर से चिराग मॉडल-2 लाया जा रहा था लेकिन समय रहते जदयू ने इसे पहचान लिया। उन्होंने कहा था कि हम सब जानते हैं कि चिराग मॉडल किसका था। कहा गया कि उनका इशारा भाजपा की ओर था।