कोलकाता। न्यू टाउन सार्वजनिन दुर्गा पूजा पंडाल सोमवार को अपने उद्घाटन के बाद, सभी महिला पुजारियों और ‘ढाकी’ टीम के साथ नवरात्रि उत्सव मना रहा है। कोलकाता के उत्तरपूर्वी किनारे पर स्थित सैटेलाइट टाउनशिप में हो रही यह पहली सामुदायिक दुर्गा पूजा ‘मदर बंगाल’ और महिला सशक्तिकरण पर आधारित है। दुर्गा पूजा समिति के सचिव समरेश दास ने कहा, ”पूजा पंडाल में सभी चारों पुजारी महिलाएं हैं। इसके अलावा 12 ‘ढाकी’ (ढोलकिये) और ‘धुनुची नाच’ के लगभग एक दर्जन कलाकार हैं।”
दरअसल, धुनुची नाच शाम की आरती के दौरान किया जाने वाला नृत्य है। इसे शक्ति नृत्य भी कहते हैं। धुनुची एक प्रकार का पात्र होता है, जिसमें जलता कोयला, नारियल की भूसी, कपूर और धूपबत्ती रखी जाती है। कलाकार धुनुची को पकड़ कर अपने हाथों और मुंह से संतुलित करते हुए ‘ढाक’ या पारंपरिक ड्रम की धुन पर नृत्य करते हैं। इस पूजा पंडाल की थीम ‘बंग जननी’ (मदर बंगाल) पर आधारित है और राज्य की पारंपरिक कला और संस्कृति का प्रदर्शन करेगी।
पंडाल में इसके अलावा टेराकोटा, डोकरा कला, कठपुतली और नबन्ना त्योहार और पश्चिम बंगाल से जुड़ी चीज़ें प्रदर्शित की जाएंगी। कलाकार प्रशांत पाल ने कहा, ”थीम पश्चिम बंगाल के विभिन्न हस्तशिल्प का एक कोलाज है। लकड़ी की गुड़िया, डोकरा और टेराकोटा आइटम, मनसा घोट, छऊ मुखौटे, मिट्टी की कलाकृतियों का इसमें इस्तेमाल किया गया है। हालांकि, मूर्तियां पारंपरिक होंगी।”
चार महिला पुजारियों में से एक, दत्तात्रिय घोषाल ने कहा कि पूजा वैदिक रीति-रिवाजों के अनुसार होगी। वह 2018 से पुजारी हैं। दास ने कहा कि किसी भी स्थानीय निवासी को पूजा के लिए कोई दान नहीं देना पड़ेगा, क्योंकि यह व्यक्तिगत और कॉर्पोरेट माध्यम से आयोजित किया जा रहा है।