किरण नांदगाँवकर, मध्यप्रदेश : ओलंपिक का गोल्ड वाला पोडियम वह जगह होती है जिस पर दुनिया का हर खिलाडी और हर टीम खडे रहने का स्वप्न संजोती है। वैसे अमेरिका, चीन, जापान, ब्रिटेन ऑस्ट्रेलिया के ज्यादातर खिलाड़ी हर ओलंपिक में इस पोडियम पर अपने कौशल से पहूँच ही जाते है। लेकिन भारत के खिलाडिय़ों के लिए ओलंपिक गोल्ड का यह पोडियम हमेशा से ही किसी दिवास्वप्न से कम नहीं रहा।
हांलाकि हमारी हॉकी टीम आठ गोल्ड जीत कर इस पोडियम पर देश का गौरव बढ़ा चूकी है। लेकिन व्यक्तिगत गोल्ड में ओलंपिक इतिहास में भारत के लिए यह क्षण 2008 के बीजिंग ओलंपिक में आया था जब अभिनव बिंद्रा ने निशानेबाजी में गोल्ड मेडल हासिल किया था। तब बिंद्रा इस नं. 1 पोडियम पर पहुंच कर गोल्ड मेडल जीत लाए थे।
उसके बाद भारत ओलंपिक में उंगलियों पर गिने जा सकने वाले अन्य पदक तो जीतता रहा लेकिन गोल्ड जीतना भारत के लिए दूर की कौडी बन गई थी। इस बार टोक्यो में जब ओलंपिक शुरु हुआ तब फिर यह कयास लगने लगी की भारत की तरफ से अमुक-अमुक खिलाड़ियों में से कोई ना कोई तो गोल्ड लायेगा ही।
लेकिन कल का दिन खत्म होने तक गोल्ड स्वप्न ही था। आज भोर-सुबह होते ही ट्रेक एण्ड फिल्ड में जेवलीन थ्रो में फाइनल में होने वाले मुकाबल़े में पहूँचे नायब सूबेदार नीरज चोपडा से पूरे देश को उम्मीद थी की वे आज ओलंपिक इतिहास का दूसरा गोल्ड जरुर दिलाऐंगे और वहीं हुआ, अंततः भारत का तिरंगा आज टोक्यो ओलंपिक में नीरज चोपडा के हाथ गोल्ड जीत के रुप में लहराया। यह बेहद गौरवपूर्ण है की भारत ने ओलंपिक में इस बार गोल्ड मेडल टेली में अपना नाम दर्ज करवा दिया।
नीरज चोपडा ने फाइनल क्वालीफाई में अपने पहले थ्रों में ही अपने ग्रुप में पहले स्थान पर रहकर 86.65 मीटर दूरी तय कर जाहिर कर दिया था की वे इस बार भारत के लिए गोल्ड लाने वाले है। हांलाकि आज फाइनल में सब इसलिए खामोश थे क्योंकि दुनिया के नं. 1 खिलाडी जोहान्स वेटर उनको कडी टक्कर दे सकते थे। क्योंकि जोहान्स का रिकॉर्ड 97.76 का था।
हांलाकि फाइनल क्वालीफाई में वे सिर्फ 85.64 तक जा सके थे। इसलिए यह उम्मीद और प्रबल हो गई थी की फाइनल में गोल्ड तो इस बार जेवलीन में नीरज चोपडा ही लाऐंगे। और आज जब मुकाबला शुरु हुआ तो नीरज चोपडा ने 87.58 का जेवलीन थ्रो किया।
लेकिन अन्य कोई भी प्रतिद्वंद्वी अंतिम राउंड तक उनके आस-पास भी फटकता नजर नहीं आया। दरअसल आज गोल्ड के सही हकदार नीरज चोपडा ही थे क्योंकि उनको कोई टक्कर देता ही नज़र नहीं आया। ऐसा प्रतित हो रहा था बाकी तो सब सिल्वर और ब्राँज के लिए लड रहे है।
नायब सूबेदार नीरज चोपडा को इस गोल्ड मेडल को जीतने के लिए ढेरों शुभकामनाएं पूरे देश की तरफ से। आप ने देश का गौरव इस उपलब्धि से आकाश भर बढाया है। बधाई और हार्दिक अभिनंदन!! जयहिद