National Updates : किसानों से ज्यादा वाहन, उद्योगों, निर्माण कार्य और बिजली संयंत्रों पर लगाम जरूरी

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को दिल्ली सरकार को एक बार फिर फटकार लगाते हुए कहा है कि दिल्ली में वायु प्रदूषण की खतरनाक स्थिति के लिए किसान बड़ा कारक नहीं, बल्कि औद्योगिक इकाइयां, बिजली उत्पादन संयंत्र और वाहन मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं तथा केंद्र सरकार 24 घंटे में सभी संबंधित राज्यों की आपात बैठक बुलाकर प्रदूषण कम करने के लिए ‘वर्क फ्रॉम होम’ समेत तत्काल सभी उपाय सुनिश्चित करने की व्यवस्था करें।

मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमन और न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने स्कूली छात्र आदित्य दुबे की याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा एवं पंजाब सरकार के मुख्य सचिवों की वायु प्रदूषण कम करने के मुद्दे पर तत्काल बैठक बुलाई जाए और एहतियाती उपायों को लागू करने की व्यवस्था की जाए।

प्रदूषण कम करने के लिए पूरी तरह से लॉकडाउन लगाने को तैयार दिल्ली सरकार

दिल्ली सरकार ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि वह राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण कम करने के लिए पूरी तरह से लॉकडाउन लगाने को तैयार है।
दिल्ली सरकार की ओर से 26 पन्नों के हलफनामे में प्रदूषण कम करने और पर्यावरण की रक्षा के लिए किए जा रहे उपायों की जानकारी दी गई है। सरकार ने उच्चतम न्यायालय के 13 नवंबर के आदेश का पालन करते हुए सभी स्कूलों को एक सप्ताह के लिए बंद करने समेत अब तक किए गए अन्य उपायों की विस्तार से जानकारी दी है।

सरकार ने हवा साफ करने के लिए कनॉट प्लेस इलाके में आधुनिक संयंत्र लगाने की जानकारी दी है पर्यावरण की रक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने की जानकारी भी दी है। उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ शनिवार को प्रदूषण की स्थिति को गंभीर बताते हुए तत्काल उपाय करने के आदेश दिए थे। अदालत ने ऐसे उपाय करने को कहा था कि अगले तो दो-तीन दिनों में प्रदूषण कम हो।

स्वदेशी उत्पादनों ने अर्थव्यवस्था के लिए “सुरक्षा कवच” का काम किया : नकवी

केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री एवं राज्यसभा के उपनेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि वैश्विक आर्थिक मंदी के समय भी स्वदेशी उत्पादनों ने भारतीय जरूरतों और अर्थव्यवस्था के “सुरक्षा कवच” का काम किया। नकवी ने सोमवार को यहाँ भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (आईआईटीएफ) में आयोजित “हुनर हाट” के उद्घाटन के अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का “”वोकल फॉर लोकल” मंत्र, देश की अर्थव्यवस्था और स्वदेशी से स्वावलम्बन का प्रभावी तंत्र साबित हुआ है।

पिछले वर्ष कोरोना काल में विश्व की आर्थिक तंगी-मंदी के संकट के समय भी स्वदेशी उत्पादनों ने भारतीय जरूरतों और अर्थव्यवस्था के “सुरक्षा कवच” का काम किया। जो देश अनाज के लिए भी विदेशी आयात पर निर्भर करता था वह देश खुद पर्याप्त अनाज का उत्पादन ही नहीं कर रहा है बल्कि दुनिया को भी निर्यात कर रहा है। यह देश के अन्नदाताओं की मेहनत और मोदी सरकार के “आत्मनिर्भर कृषि एवं कृषक” के प्रभावी उपायों का नतीजा है।

प्रियंका गांधी तेज बुखार से पीड़ित

कांग्रेस की उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा तेज बुखार से पीड़ित होने के कारण उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में आयोजित जनसभा को संबोधित करने का कार्यक्रम रद्द कर दिया है। कांग्रेस सूत्रों ने सोमवार को बताया कि प्रियंका पिछले दो दिनों से बुखार से पीड़ित है और इसके बावजूद उन्होंने रविवार को उत्तर प्रदेश में एक सभा को संबोधित किया लेकिन आज उन्हें तेज बुखार है जिसके कारण उन्होंने सभा को संबोधित करने का अपना पूर्व निर्धारित कार्यक्रम रद्द कर दिया है।

सूत्रों ने बताया, “तेज वायरल बुखार के कारण श्रीमती वाड्रा आज मुरादाबाद के कांग्रेस पदाधिकारी सम्मेलन में पहुंचने में असमर्थ हैं। कल हल्का बुखार होने के बावजूद वह बुलंदशहर सम्मेलन में पहुंची थीं।”
गौरतलब है कि मुरादाबाद में कांग्रेस के प्रदेश पदाधिकारियों का सम्मेलन है जिसको प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू एवं अन्य वरिष्ठ नेता संबोधित करेंगे।

प्रधानमंत्री ने बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान सह स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय का उद्घाटन किया

अमर शहीद भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ऑनलाइन माध्यम से बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान सह स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय का उदघाटन किया। इस मौके पर रांची में आयोजित समारोह में झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा समेत अन्य विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा की लड़ाई जल, जंगल और जमीन की रक्षा और भारत की आजादी के लिए थी और उनके संघर्ष के सामने अंग्रेजों ने भी घुटने टेक दिये।

प्रधानमंत्री ने कहा कि धरती आबा बिरसा मुंडा ने जनजातीय समाज की पहचान मिटाने की कोशिश के खिलाफ संघर्ष किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे थे, ठीक उसी दौरान बिरसा मुंडा ने गुलामी के खिलाफ लड़ाई का इतिहास लिख दिया था। धरती आबा बहुत लंबे समय तक इस धरती पर नहीं रहे थे, लेकिन उन्होंने जीवन के छोटे से कालखंड में देश के लिए एक पूरा इतिहास लिख दिया, भारत की पीढ़ियों को दिशा दे दी।

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