- बड़ी संख्या में दिव्यांगों को उपलब्ध कराए कृत्रिम अंग और कैलिपर्स
- निशुल्क भोजन और मास्क वितरण का अभियान
जयपुर : कोविड -19 के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए नारायण सेवा संस्थान ने हरिद्वार के कुंभ मेले में संचालित की जा रही अपनी गतिविधियों को समेट लिया है। दिव्यांग लोगों की सहायता में जुटे नारायण सेवा संस्थान ने कुंभ मेले के दौरान 50 बिस्तरों वाला अस्थायी अस्पताल स्थापित किया था और इसके माध्यम से लोगों को चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कर्राईं।
संस्थान ने पिछले 18 दिनों के दौरान दिव्यांग लोगों के लिए फिजियोथेरेपी, ऑपरेशन थियेटर, प्लास्टर रूम और प्रोस्थेसिस की सुविधाएं भी जुटाई। इसके अलावा, प्रोस्थेसिस और ऑर्थोटिक्स के साथ-साथ कैलिपर कार्यशाला का आयोजन भी किया गया। इस अवधि में ओपीडी के लिए 274 लोग और 29 लोग सर्जरी के लिए शॉर्टलिस्ट किए गए।
संस्थान ने 323 दिव्यांग लोगों को कृत्रिम अंगों का वितरण किया गया और 132 लोगों को कैलिपर प्रदान किए गए। साथ ही, संस्थान ने कुंभ मेले में प्रतिदिन 500 श्रद्धालुओं को भोजन वितरण और मास्क वितरण भी किया। नारायण सेवा संस्थान की सेवाओं से लाभान्वित होने वाली देहरादून की रहने वाली रिया चैहान ने कहा, ”पैर में संक्रमण के कारण मैंने बचपन में ही अपना पैर खो दिया था। लेकिन मेरे शिक्षक ने मुझे कुंभ में एनएसएस के कृत्रिम अंग शिविर के बारे में सूचित किया। मैंने यहां संपर्क किया और संस्थान की मदद से मुझे कृत्रिम अंग मिला।
अब मैं अपने पैरों पर खड़ी हो सकती हूं और बिना किसी मुश्किल के अब स्कूल भी जा सकती हूं।” नारायण सेवा संस्थान ने कुंभ मेले में अपनी तमाम गतिविधियां माननीय प्रधानमंत्री के ‘दो गज दूरी, मास्क है जरूरी’ के संदेश के आधार पर संचालित की हैं। इस दौरान संस्थान ने सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कोविड प्रोटोकाॅल का भी पूरी तरह पालन किया और साफ-सफाई तथा स्वच्छता का भी ख्याल रखा। इस अस्थायी अस्पताल का उद्घाटन उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने किया था।
नारायण सेवा संस्थान के प्रेसीडेंट प्रशांत अग्रवाल ने कहा, ”कुंभ में अस्पताल के संचालन के दौरान हमने दिव्यांग लोगों से अपील थी कि वे इस अवसर का लाभ उठा सकते हैं और हमारे माध्यम से कृत्रिम अंग और कैलिपर्स भी हासिल कर सकते हैं। इस दौरान अनेक विशिष्ट जनों ने हमारी सेवाओं का लाभ उठाया और हमारे उच्च-गुणवत्ता वाले कृत्रिम अंगों और कैलिपर्स को हासिल किया। इस तरह वे अपने आपको समाज की मुख्यधारा में शामिल करने की दिशा में एक मजबूत कदम उठाने में कामयाब रहे। साथ ही, संस्थान ने कुंभ मेले में निशुल्क भोजन वितरण का अभियान भी संचालित किया, जिससे बड़ी संख्या में लोग लाभान्वित हुए।”