कोलकाता। पश्चिम बंगाल के आसनसोल के काली पहाड़ी क्षेत्र में एक अद्भुत कुआं है, जिसे लोग “प्रेत कुंआ” कहते हैं। इस कुएं के बारे में माना जाता है कि इसमें लाखों प्रेत आत्माएं वास करती हैं। यहां स्थित मां काली का मंदिर और इस प्रेत कुएं से जुड़ी कहानियां दूर-दूर तक मशहूर हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग 19 के किनारे इस क्षेत्र में एक भव्य मां काली का मंदिर है, जहां हर दिन हजारों भक्त दर्शन करने आते हैं। यहां मां काली की करीब 30 फुट ऊंची प्रतिमा है, जो भक्तों में गहरी आस्था जगाती है। श्रद्धालुओं का विश्वास है कि मां काली उनके सभी कष्टों को दूर कर उनकी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।
प्रेत कुंए का रहस्य
मंदिर के पुजारी प्रदीप बाबा के अनुसार, मां काली के आदेश से इस कुएं में लाखों प्रेत आत्माएं निवास करती हैं। उनका कहना है कि ये आत्माएं किसी को हानि नहीं पहुंचातीं और मां काली के आशीर्वाद से हमेशा इस कुएं में ही रहती हैं। प्रदीप बाबा का मानना है कि यह कुआं उनकी आस्था और मां काली की महाशक्ति का प्रतीक है।
स्थानीय निवासियों का अनुभव
स्थानीय लोग बताते हैं कि दिन में यहां भक्तों का जमावड़ा होता है, लेकिन जैसे ही शाम ढलती है, मंदिर के चारों ओर गहरा सन्नाटा छा जाता है। कई लोग शाम के बाद इस मंदिर के आसपास जाने से डरते हैं, क्योंकि उन्हें वहां अजीबोगरीब अनुभव होते हैं और प्रेत आत्माओं का आभास होता है।
क्या कहता है विज्ञान
पश्चिम बंगाल विज्ञान मंच के सदस्य किन्गसुक मुखर्जी का मानना है कि भूत-प्रेत जैसी कोई चीज नहीं होती। उनके अनुसार, इस प्रकार की मान्यताएं समाज में अंधविश्वास फैलाती हैं, जिससे लोगों में बेवजह का डर उत्पन्न होता है।
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