Kolkata Desk : नारद मामले (Narad Case) की सुनवाई को लेकर अभी भी अनिश्चितता बरकरार है। पांच जजों की डिवीजन बेंच ने आखिरकार सीबीआई की लंबित याचिका खारिज कर दी है। फिर भी अंत तक फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा और शोभन चटर्जी को राहत नहीं मिली। अभी भी चारों नेताओं को दो दिन और घर में ही नजरबंद रहना होगा। अगली सुनवाई बुधवार को होगी।
क्या नारदा मामले के आरोपियों को मिलेगी अंतरिम जमानत? : उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की दो सदस्यीय खंडपीठ में असहमति के बाद मामले का फैसला करने के लिए एक पांच सदस्यीय बड़ी पीठ का गठन किया गया है। पीठ में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल के अलावा न्यायमूर्ति आईपी मुखर्जी, न्यायमूर्ति हरीश टंडन, न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी शामिल हैं।
सीबीआई ने कल आधी रात को पाँच सदस्यीय बड़ी बेंच बनाने के हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक ऑनलाइन केस दायर किया था, साथ ही बड़ी बेंच में मामले की सुनवाई को स्थगित करने के लिए भी आवेदन किया गया था।
बाद में उसी दिन सीबीआई ने हाई कोर्ट से बड़ी डिवीजन बेंच में मामले की सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध किया था। लेकिन वह याचिका खारिज कर दी गई। इसके विपरीत न्यायाधीशों ने सवाल उठाया कि चक्रवात तूफान की स्थिति में मामले की सुनवाई कैसे होगी?
आज सुनवाई के दौरान बड़ी डिविजन बेंच के जजों ने सीबीआई से पूछा, ”आपने सात साल से आरोपीयों को गिरफ्तार नहीं किया। इस बार उन्हें गिरफ्तार किया, फिर उन्हें जमानत मिल गई। आपलोगों का जमानत का विरोध करने में इतनी व्यस्तता क्यों हैं’! आरोपी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, “जमानत पर रोक लगाने के मामले में हमारी सुनवाई नहीं हुई है।”
एक अन्य वकील सिद्धार्थ लूथरा ने सवाल किया, “अदालत ने केवल एक पत्र के आधार पर जमानत पर रोक लगा दी है। आरोपियों की सुनवाई नहीं हुई। धारा 407′ के तहत स्थगन आदेश कैसे दिया जा सकता है? सत्तारूढ़ दल के नेताओं और मंत्रियों की गिरफ्तारी के बाद, सीबीआई के वकीलों ने निजाम पैलेस के बाहर धरना और विरोध प्रदर्शनों का हवाला देते हुए जमानत का विरोध किया।
दोपहर के भोजन से पहले डेढ़ बजे तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दी गई। हाईकोर्ट के सूत्रों के मुताबिक हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल निजी कारणों से मंगलवार को छुट्टी ले रहे हैं। इसलिए मामले की अगली सुनवाई बुधवार को होगी। तब तक नारद कांड के आरोपी चारों नेताओं को ही घर पर नजरबंद रहना होगा।