कोलकाता : बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि वह एक ’रबड़ स्टाम्प’ नहीं है और उनका सबसे बड़ा काम राज्य में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष ढंग से विधानसभा चुनाव कराना सुनिश्चित करना होगा। धनखड़ ने कहा कि उन्हें राज्य में 2018 पंचायत चुनावों के बारे में पूरी जानकारी है और इसे दोहराया नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि जो लोग भी स्वतंत्र एवं निष्पक्ष ढंग से चुनाव कराये जाने का विरोध करेंगे, उनसे सख्ती से निपटा जायेगा। राज्यपाल ने दक्षिण 24 परगना के सरिसा में पत्रकारों से कहा, ‘‘राज्यपाल के रूप में मेरा सबसे बड़ा काम यह सुनिश्चित करना है कि 2021 के विधानसभा चुनाव स्वतंत्र एवं निष्पक्ष ढंग से संपन्न हों। केंद्रीय बल समय पर आएंगे।
मैं राजनीति में पार्टी या राजनीति में शामिल होने वाला व्यक्ति नहीं हूं।’’ यह इलाका डायमंड हार्बर संसदीय क्षेत्र के तहत आता है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा लक्ष्य यह है कि बंगाल के लोग अपना वोट डालें। जो लोग भी (स्वतंत्र एवं निष्पक्ष ढंग) से चुनाव कराये जाने का विरोध करेंगे, उनसे सख्ती से निपटा जायेगा।’’ जिले के उनके दौरे के दौरान किसी वरिष्ठ जिला अधिकारी की अनुपस्थिति पर आपत्ति जताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘राज्यपाल एक पद है जिसके प्रति प्रोटोकॉल के अनुसार उचित सम्मान दिखाया जाना चाहिए। मैं जगदीप धनखड़ के रूप में नहीं बल्कि राज्यपाल के रूप में बोल रहा हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपको आश्वासन दे सकता हूं कि इस तरह की चीजों को जारी रखने की अनुमति नहीं दी जाएगी। मैं सेवा प्रोटोकॉल के ऐसे हर उल्लंघन पर ध्यान दे रहा हूं।’’
राज्य सरकार की निंदा करते हुए धनखड़ ने कहा, ‘‘यहां जो हो रहा है वह देश में किसी और जगह पर नहीं हो रहा है। राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक 10 दिसंबर को मुझसे मिले थे, लेकिन वे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा के काफिले पर हमले का अपडेट नहीं दे पाये।’’ डायमंड हार्बर में नड्डा के काफिले पर 10 दिसंबर को हुए कथित हमले का जिक्र करते हुए, धनखड़ ने कहा कि इसके बाद आने वाले विवरण ‘‘बहुत खतरनाक हैं’’ और अगर ऐसी घटनाएं जारी रहती हैं तो यह अराजकता जैसी स्थिति होगी। तृणमूल कांग्रेस के नेताओं पर कटाक्ष करते हुए राज्यपाल ने किसी का नाम लिये बगैर कहा, ‘‘कोई भी खुद को एक विशेष क्षेत्र का जागीरदार नहीं मान सकता। साथ ही कोई भी पूरे राज्य का जागीरदार नहीं हो सकता और हर नागरिक को आंदोलन का अधिकार है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री कानून से बंधी हैं। उन्हें कानून का सम्मान करना चाहिए, उन्हें संविधान का सम्मान करना चाहिए।’’