कोलकाता। वर्तमान में भारत के उपराष्ट्रपति और राज्य के पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ की धमक अभी भी पश्चिम बंगाल में है। इसकी बानगी भी इसी से देखी जा सकती है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले कैबिनेट के मंत्री अखिल गिरी के खिलाफ शिकायत के बावजूद राज्य के कार्यकारी राज्यपाल की ओर से एक शब्द नहीं बोले जाने को लेकर भाजपा सांसद ने सवाल खड़े किए हैं।’
बांकुड़ा के विष्णुपुर से सांसद सौमित्र खान ने कहा है कि जिस तरह से पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ हर छोटे बड़े मुद्दे पर मुखर थे वैसा कार्यकारी राज्यपाल लॉ गणेशन नहीं हैं। दरअसल राष्ट्रपति की सूरत पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले अखिल गिरी के खिलाफ राज्यपाल के पास सौमित्र खान ने पत्र भेजा है। उन्हें विधायक पद से हटाने की मांग की गई है।
उसके पहले नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने भी गिरी को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की थी और मिलने का समय मांगा था लेकिन राज्यपाल या राजभवन की ओर से इस मामले में कोई सक्रियता नहीं। गत दो नवंबर को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चेन्नई में राज्यपाल के पैतृक घर गई थीं, जहां उनके बड़े भाई के जन्मदिन में शामिल हुई थीं। वहां राज्यपाल और ममता के बीच बेहद मधुर तालमेल दिखे थे।
अब सौमित्र ने पत्र लिखकर कहा है कि अखिल गिरी का विधायक पद खारिज किया जाना चाहिए। राज्यपाल इस मामले में अधिक सक्रिय हों यह जरूरी है। हालांकि सौमित्र खान के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल के राज्य सचिव शिव दासन दासु ने कहा है कि राज्यपाल के संबंध में टिप्पणी करने से पहले कई बार सोचा जाना चाहिए। वह राजनीतिक मुद्दों में घसीटे जाने वाले शख्सियत नहीं होने चाहिए।