उज्जैन । महिदपुर रोड- हर देश की पहचान उस देश की भाषा और संस्कृति से होती है। किसी भी देश की एकता और स्थायित्व में उस देश की राष्ट्रभाषा की अहम एवं महत्वपूर्ण भूमिका होती है। हमें अपने मातृभाषा के प्रयोग से स्वाभिमान होता है। उक्त विचार शासकीय माध्यमिक विद्यालय में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर हिन्दी सेवी शिक्षक प्रभु चौधरी ने विद्यार्थियों को संबांधित करते हुए व्यक्त किये। प्रभु चौधरी ने बताया कि मातृभाषा के बिना व्यर्थ है दुनिया का सर्वज्ञान। भारत माँ की बोली हिन्दी, करो इसका सम्मान।
हिन्दी भाषा हमारी राष्ट्र भाषा होने के नाते महत्वपूर्ण स्थान रखती है। हिन्दी भाषा विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से है जो विश्व के लगभग 200 विश्वविद्यालयों एवं 20 देशो में पढ़ायी जाती है। हिन्दी को समझने, बोलने वाले विश्व के 60 प्रतिशत नागरिक है। इस अवसर पर प्राचार्य विमलकुमार सूर्यवंशी, हिन्दी शिक्षिका चन्द्रकांता चवरासिया ने भी मार्गदर्शन दिया। संचालन छात्र देवांश मोदी ने किया एवं आभार छात्रा अस्मिता नामदेव ने माना। विद्यालय के छात्रो ने हमारा स्वाभिमान भाषा हिन्दी पर निबंध लिखे।