Kolkata Desk : आज विश्वव्यापी कोरोना के इस संकट काल में ऑक्सीजन की कमी को हम पूरे देशवासी झेल चुके हैं और देख चुके हैं तथा कई जगहों पर अभी भी भुगत रहे हैं। इन सब को देख कर भी पर्यावरण के प्रति अब भी हम सभी सचेत हो जाएं तो आने वाले वक्त के लिए अच्छा होगा। पूरे विश्व में और अपने देश में भी पर्यावरण संरक्षण के प्रति बहुत सारे लोग अलख जगा रहे हैं इनमें से ही एक नाम बिहार के राजीव रंजन भारती का है, तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं बिहार के प्रखंड नूरसराय के पर्यावरण संरक्षण को समर्पित योद्धा राजीव रंजन भारती, उनके सहयोगियों तथा उनकी मिशन हरियाली नूरसराय के बारे में।
इन्होंने वर्ष 2016 में नालंदा जिले के अपने गृह प्रखंड नूरसराय में अपने 15 दोस्तों के साथ मिलकर पौधे लगाने का काम शुरू किया था। कोई भी सुरक्षित परिसर, स्कूल, थाना, अस्पताल जैसी जगहों पर पेड़ लगाकर उसकी सुरक्षा और देखभाल रोज सुबह ये लोग खुद ही करते थे। इस तरह से पर्यावरण संरक्षण के लिए दोस्तों का समूह रोज काम करने लगा। 2 महीने बीतने के बाद एक दिन ये लोग पास के एक निजी विद्यालय में 60 अमरूद का पौधा लेकर बच्चों को देने गए। 9वीं और 10वीं के छात्रों को पौधा देने और बच्चों को कुछ समझा कर ये लोग चले आये।
अगले दिन विद्यालय के प्रिंसिपल ने बताया कि विद्यालय के सभी बच्चे पौधा मांग रहे हैं। चूंकि सभी बच्चे ग्रामीण परिवेश से हैं तो अधिकांश के पास एक पेड़ लगाने की जगह हो है ही। दो तीन दिन के बाद इनलोगों ने 500 अमरूद के पौधों का व्यवस्था किया और सभी बच्चों को दिया।
इस घटना से इनको को एक नया आईडिया मिल गया कि बच्चों के माध्यम से काफी संख्या में फलदार पौधे लगा कर पेड़ बनाया जा सकता है। फिर इनलोगों ने 200 से 500 रुपया प्रतिमाह आपस मे ही जमा करना शुरू किया। शुरुआत में ये समूह 15 लोगों का ही था फिर कुछ परिवार के लोग, कुछ मित्रवत शिक्षक और कुछ ऐसे युवा जिन्हें हमलोग जानते थे, सब मिलाकर 33 लोगों का समूह बन गया। साथ ही ये भी फैसला किया गया कि समूह में स्थायी सदस्य 33 ही रहेंगे।
2017 के शुरू होते-होते स्कूल जाकर पौधे बांटना और बच्चों को पर्यावरण संरक्षण के बारे में बताना इनके रोज का काम हो गया। ये लोग जिस गाँव मे पौधा देने जाते तो बच्चों को देखकर गाँव के लोग भी काफी संख्या में पौधा लेने आ जाते थे।
2 साल पूरा होते-होते राजीव रंजन के परिवार के कई लोगों का सहयोग इस काम के लिए मिलने लगा। इनके परिवार के अधिकांश लोगों ने साल में 5 से 10 हजार रुपये का सहयोग दिया, बाकी भी कुछ सदस्यों के परिवारों का सहयोग मिला। नालंदा जिले के बहुत से शिक्षकों और डॉक्टरों का भी संस्था को समय-समय पर उल्लेखनीय सहयोग प्राप्त होता रहता है।
काफी लोग समूह के निबंधन के लिए सलाह देते रहे लेकिन इनलोगों ने मना किया कर दिया, कारण ये लोग नही चाहते हैं कि एनजीओ बना कर फंड लेकर कमाई की जाए। यही वजह है कि मिशन हरियाली नूरसराय अपने समूह के 33 सदस्यीय मित्र और परिवार के सहयोग से 2000 शिक्षण संस्थाओं और लगभग 400 गांवों में जाकर अबतक 7 लाख 50 हजार पौधा लोगों को निःशुल्क उपलब्ध करा चुकी है। जिसमे लाखों पौधे पेड़ बनकर अब फल भी दे रहे हैं।
‘मिशन हरियाली नूरसराय’ को जून 2019 में विश्व पर्यावरण दिवस पर बिहार के मुख्यमंत्री माननीय नीतीश कुमार द्वारा सम्मानित किया गया था और उसी साल उपमुख्यमंत्री द्वारा भी सम्मानित किया गया था। इसके अलावा विभिन्न संस्थाओं और स्कूलों द्वारा संस्था को मान-सम्मान और प्रोत्साहित करने का सिलसिला अनवरत जारी है।
कोलकाता हिंदी न्यूज ‘मिशन हरियाली नूरसराय’ के राजीव रंजन भारती और इनके मित्रों को, साथ ही इनके जैसे अन्य संस्थाओं और लोगों का भी अभिनंदन करता है जो निस्वार्थ भाव से पर्यावरण संरक्षण के लिए काम किए जा रहे हैं।