दुनिया के स्वर्ग कहे जाने वाले भारत के जम्मू कश्मीर में इंजीनियरिंग का चमत्कार- सोनमर्ग टनल व चिनाब रेल ब्रिज तैयार

जम्मू कश्मीर से लिखी दुनिया को हैरान करने वाली गाथा- सोनमर्ग टनल व चिनाब रेल ब्रिज की अद्भुत इंजीनियरिंग पर दुनिया ने टेका माथा
सोनमर्ग टनल व दुनिया के सबसे बड़े रेल ब्रिज चिनाब से जम्मू कश्मीर में कनेक्टिविटी, सामाजिक आर्थिक, वाणिज्यिक विकास होगा- अधिवक्ता के.एस. भावनानी

अधिवक्ता किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर पृथ्वी लोक का स्वर्ग कहे जाने वाला जम्मू कश्मीर भारत का एक ऐसा क्षेत्र है, जहां हर कोई जाना चाहता है। मेरी भी अभिलाषा है कि मैं एक बार पृथ्वी के इस स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू कश्मीर की वादियों में जाऊं परंतु कनेक्टिविटी, जलवायु परिवर्तन, मौसम की मार व सबसे बड़ा डर आतंकवाद का था जिसको नियंत्रित करने के लिए 5 अगस्त 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 को संसद के दोनों सदनों में पारित कर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर से अनुच्छेद 370 रद्द हो गया व भारत की आन, बान, शान कहे जाने वाले कश्मीर के विकास के लिए नए अध्याय जोड़ने का क्रम शुरू हो गया है। जिसका नतीजा यह हुआ कि आज सोनमर्ग टनल व चिनाब रेल ब्रिज सबके सामने है। हालांकि इन दोनों सबसे बड़ी परियोजनाओं को 10-20 वर्ष पहले से ही शुरू कर दिया गया था परंतु वर्तमान में यह दोनों सेवाएं नागरिकों की सेवार्थ तैयार है। जिनमें से सोनमर्ग टनल का शिलान्यास माननीय पीएम ने 13 जनवरी 2025 को किया है, अब शीघ्र ही चिनाब रेल ब्रिज पर भी यात्रियों को लेकर ट्रेन दौड़ने लगेगी, जो शायद इस जनवरी 2025 की एंडिंग तक होने की संभावना है। चूँकि जम्मू कश्मीर से लिखी दुनिया की हैरान करने वाली गाथा, सोनमर्ग टनल व चिनाब रेलवे ब्रिज़ की अद्भुत इंजीनियरिंग पर दुनिया में टेका माथा, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आलेख के माध्यम से चर्चा करेंगे, दुनियाँ का स्वर्ग कहीं जाने वाले भारत के जम्मू कश्मीर में इंजीनियरिंग का चमत्कार, सोनमर्ग टनल व चिनाब रेल ब्रिज तैयार।

साथियों बात अगर हम 13 जनवरी 2025 को सोनमर्ग टनल की स्थिति की करें तो, नेशनल हाईवे एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड ने इस टनल को इंजीनियरिंग का चमत्कार और क्षेत्र के लिए गेम चेंजर बताया है। साथ ही कहा कि यह परियोजना न केवल यात्रा के अनुभव को बेहतर बनाएगी, बल्कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के बीच सामाजिक व आर्थिक विकास को भी गति देगी।जेड मार्ड टनल के साथ ज़ोजिला टनल का काम 2028 तक पूरा होगा। यह क्षेत्रीय रक्षा रसद और यातायात को सुगम बनाएगी, इससे लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के बीच जुड़ाव और विकास को नई दिशा मिलेगी। टनल के लाभ :
(1) सोनमर्ग टनल गगनगीर से सोनमर्ग तक निर्बाध यातायात सुनिश्चित करेगी।
(2) राष्ट्रीय राजमार्ग-1 पर यात्रा की दूरी 49 किमी से घटकर 43 किमी हो जाएगी।
(3) वाहनों की गति 30 किमी/घंटा से बढ़कर 70 किमी/घंटा हो जाएगी।
(4) यह टनल क्षेत्र के पर्यटन और व्यापार में तेजी लाने में सहायक होगी टनल का रणनीतिक महत्व।
(5) सोनमर्ग और गगनगीर को जोड़ने वाली यह टनल 8,650 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और इसमें आपातकालीन स्थिति के लिए 7.5 मीटर चौड़ा समानांतर मार्ग है। ये टनल लद्दाख को पूरे साल सड़क मार्ग से जोड़ने के साथ-साथ देश की रक्षा जरूरतों और क्षेत्रीय विकास में अहम भूमिका निभाएगी।

साथियों बात अगर हम दिनांक 13 जनवरी 2025 को माननीय पीएम द्वारा इस अवसर पर किए गए 27 मिनट क़े संबोधन को पांच पॉइंट्स में देखें तो…
(1) सोनमर्ग टनल से लोगों की जिंदगी आसान होगी पीएम ने 27 मिनट के भाषण में कहा, जम्मू-कश्मीर की लद्दाख की एक और बहुत पुरानी डिमांड आज पूरी हुई है। इससे सोनमर्ग के साथ करगिल और लेह के लोगों की जिंदगी भी बहुत आसान होगी। अब बर्फबारी के दौरान एवलांच से या बरसात में होने वाली लैंड स्लाइड के कारण रास्ते बंद होने की परेशानी कम होगी।

(2) टनल बनाने वाले श्रमिक न डिगे, न घर लौटे पीएम मोदी ने कहा- देश की उन्नति के लिए, जम्मू-कश्मीर की उन्नति के लिए जिन श्रमिक भाइयों ने कठिन परिस्थितियों में काम किया, जीवन को संकट में डालकर काम किया, अपनी जान गंवाई, लेकिन संकल्प से डिगे नहीं। श्रमिक साथी डिगे नहीं, किसी ने घर वापस जाने की बात नहीं की। उन्होंने हर चुनौती को पार करते हुए इस काम को पूरा किया है। जिन 7 साथियों को हमने खोया है, मैं आज सबसे पहले उनका स्मरण करता हूं।
(3) सोनमर्ग में टूरिस्ट को पंख लगने वाले हैं, आज भारत तरक्की की नई बुलंदी की तरफ बढ़ चला है। हर देशवासी 2047 तक भारत को डेवलप नेशन बनाने में जुटा है। ये तभी हो सकता है, जब हमारे देश का कोई हिस्सा कोई भी परिवार तरक्की से डेवलपमेंट से पीछे न छूटे। इसके लिए ही हमारी सरकार सबका साथ सबका विकास की भावना के साथ पूरे समर्पण से काम कर रही है। इस टनल से सोनमर्ग समेत पूरे इलाके में टूरिज्म को भी नए पंख लगने वाले हैं।

(4) लाल चौक पर लोग अब आइसक्रीम खाते हैं पहले के मुश्किल दिनों को पीछे छोड़कर हमारा कश्मीर धरती का स्वर्ग होने की पहचान वापस पा रहा है। आज लोग रात के समय लाल चौक पर आइसक्रीम खाने जा रहे हैं। चिनाब ब्रिज की इंजीनियरिंग देखकर दुनिया हैरत में है। यहां कुछ दिन पहले पैसेंजर ट्रेन का ट्रायल हुआ। यहां के प्रोजेक्ट्स 42 हजार करोड़ से ज्यादा के हैं। इन पर काम चल रहा है।
(5) जम्मू-कश्मीर में गर्मजोशी ऐसी, ठंडक नहीं लगती पीएम ने कहा- ये मौसम, बर्फ, बर्फ की चादर से ढंकी पहाड़ियां देखकर दिल प्रसन्न हो जाता है। यहां आता हूं तो बरसों पहले के दिन याद आने लग जाते हैं।

उधर, राज्य के सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उम्मीद है जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य का वादा भी पूरा होगा। पीएम ने जेड मोड़ टनल का जायजा लिया। वे खुली जीप में बैठकर टनल देखने गए। श्रीनगर-लेह हाइवे एनएच-1 पर बनी 6.4 किलोमीटर लंबी डबल लेन का पीएम ने उद्घाटन किया। श्रीनगर- लेह हाइवे एनएच -1 पर बनी 6.4 किलोमीटर लंबी डबल लेन का पीएम ने उद्घाटन किया। जेड मोड़ टनल के उद्घाटन के बाद श्रीनगर-लेह हाइवे पर गगनगीर से सोनमर्ग के बीच एक घंटे की दूरी अब 15 मिनट में पूरी होगी। इसके अलावा गाड़ियों की स्पीड भी 30 किमी/घंटा से बढ़कर 70 किमी/घंटा हो जाएगी। दुर्गम पहाड़ी वाले इस इलाके को क्रॉस करने में पहले 3 से 4 घंटे का समय लगता था। अब यह दूरी मात्र 45 मिनट में पूरी होगी।

उमर अब्दुल्ला बोले- मोदी जी जम्मू-कश्मीर को जल्द राज्य का दर्जा दिलवाएंगे। उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल जम्मू-कश्मीर के सीएम ने कहा- जम्मू-कश्मीर में चुनाव हुए और सबसे बड़ी बात ये रही कि कहीं भी किसी तरह की गड़बड़ी की शिकायत नहीं आई, सत्ता के दुरुपयोग की कोई शिकायत नहीं आई। इसका श्रेय आपको (पीएम को), आपके सहयोगियों और भारत के चुनाव आयोग को जाता है। मेरा दिल कहता है कि बहुत जल्द आप (पीएम) राज्य का दर्जा बहाल करने का अपना वादा पूरा करेंगे।

साथियों बात अगर हम 2028 में सोनमर्ग टनल विश्व की सबसे बड़ी टनल होने की करें तो, 2028 में यह एशिया की सबसे लंबी टनल होगी। जेड मोड़ टनल के आगे बन रही जोजिला टनल का काम 2028 में पूरा होगा। इसके तैयार होने के बाद ही बालटाल (अमरनाथ गुफा), कारगिल और लद्दाख को ऑल वेदर कनेक्टिविटी मिलेगी। दोनों टनल के शुरू होने के बाद इसकी कुल लंबाई 12 किलोमीटर हो जाएगी। इसमें 2.15 किमी की सर्विस/लिंक रोड भी जुड़ जाएगी। इसके बाद यह एशिया का सबसे लंबी टनल बन जाएगी।फिलहाल हिमाचल प्रदेश में बनी अटल टनल एशिया की सबसे लंबी टनल है। इसकी लंबाई 9.2 किलोमीटर है। यह मनाली को लाहौल स्पीति से जोड़ती है।

चीन से लगी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल तक सेना के लिए रसद और हथियार पहुंचाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बर्फबारी के समय आर्मी पूरी तरह से एयरफोर्स पर निर्भर हो जाती है। दोनों टनल प्रोजेक्ट के पूरे होने से आर्मी कम खर्च में अपना सामान एलएसी तक पहुंचा सकेगी। साथ ही चीन बॉर्डर से पाकिस्तान बॉर्डर तक बटालियन मूव करने में भी आसानी होगी। पिछले साल मजदूरों पर आतंकी हमला भी हुआ था 20 अक्टूबर 2024 को आतंकियों ने टनल के कर्मचरियों पर हमला किया था। दो आतंकी गगनगीर में मजदूरों के कैंप में घुस गए और फायरिंग की थी। इस हमले में टनल का निर्माण कर रही इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के 6 मजदूरों सहित 7 लोग मारे गए थे। हमले में एक स्थानीय डॉक्टर की भी मौत हो गई थी।

साथियों बात अगर हम जम्मू कश्मीर में दुनिया के सबसे बड़े सबसे ऊंचे पुल चिनाब रेल ब्रिज की करें तो जम्मू-कश्मीर में बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल चिनाब रेल ब्रिज पर जल्द ही अब ट्रेन दौड़ती नजर आएगी। बता दें कि इस ब्रिज का निर्माण उधमपुर- श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना के तहत किया गया है, अब उत्तर रेलवे दुनिया के सबसे ऊंचे रेल पुल पर ट्रेन सेवाएं शुरू करने के लिए तैयार है। असली इंजीनियरिंग चमत्कार के रूप में वर्णित इस पुल के पार्श्व और मध्य भाग में 48 केबल हैं। इसके खंभे पर काम 2017 में शुरू हुआ था और यह संरचना अपनी नींव के स्तर से 191 मीटर ऊपर है। यह कौरी में चेनाब नदी पर बने प्रतिष्ठित आर्च ब्रिज के बाद दूसरा सबसे ऊंचा रेलवे पुल है, जो नदी तल से 359 मीटर ऊपर दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है तथा पेरिस के एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा है। देश की सबसे महत्वपूर्ण रेल प्रोजेक्ट उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक को लेकर काम जारी है। विश्‍व का सबसे ऊंचा रेल ब्रिजकश्‍मीर में बन चुका है। अब जल्‍द ही इस पर ट्रेनों का संचालन भी शुरू हो जाएगा।

साथियों बात अगर हम पड़ोसी व विस्तारवादी देश के लिए यह चिंता का विषय होने की करें तो, चिनाब ब्रिज से पाकिस्तान और चीन की चिंता क्यों बढ़ी है? डिफेंस एक्सपर्ट के मुताबिक चिनाब ब्रिज कश्मीर के अखनूर इलाके में बना है। जैसे नॉर्थ ईस्ट में सिलीगुड़ी कॉरिडोर को चिकन नेक कहा जाता है, जहां अगर चीन का कब्जा हो जाए तो देश दो हिस्सों में टूट सकता है। इसी तरह अखनूर इलाका कश्मीर का चिकन नेक है। इसीलिए इस इलाके में चिनाब ब्रिज का बनना भारत के लिए सामरिक तौर पर बेहद खास है। अब हर मौसम में सेना और आम लोग इस हिस्से में ट्रेन या दूसरे वाहनों से जा सकेंगे।

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी : संकलनकर्ता, लेखक, कवि, स्तंभकार, चिंतक, कानून लेखक, कर विशेषज्ञ

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि दुनिया के स्वर्ग कहे जाने वाले भारत के जम्मू कश्मीर में इंजीनियरिंग का चमत्कार – सोनमर्ग टनल व चिनाब रेल ब्रिज तैयार, जम्मू कश्मीर से लिखी दुनिया को हैरान करने वाली गाथा – सोनमर्ग टनल व चिनाब रेल ब्रिज की अद्भुत इंजीनियरिंग पर दुनियाँ ने टेका माथा।सोनमर्ग टनल व दुनिया के सबसे बड़े रेल ब्रिज चिनाब से जम्मू कश्मीर में कनेक्टिविटी, सामाजिक, आर्थिक, वाणिज्यिक विकास होगा

(स्पष्टीकरण : इस आलेख में दिए गए विचार लेखक के हैं और इसे ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है।)

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