तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत मेदिनीपुर शहर के शहीद प्रद्योत स्मृति सदन में मेदिनीपुर तरूण रंगमंच द्वारा आयोजित पांच दिवसीय नाट्य महोत्सव का समापन हो गया।
गुरुवार की रात बांग्लादेश की प्रमुख थिएटर हस्ती रोशन जन्नत रुश्नी ने ‘एपार बांग्ला, ओपार बांग्ला’ नामक नाटक महोत्सव का उद्घाटन किया था।
मुख्य अतिथि के रूप में विद्यासागर विश्वविद्यालय के कुलपति सुशांत चक्रवर्ती उपस्थित थे। इस अवसर पर रंगकर्मी अशोक प्रमाणिक, खोरसेदुल आलम आदि भी उपस्थित थे।
इससे क्रम में अभिनय प्रतियोगिता आयोजित हुई। उद्घाटन समारोह में पार्थ मुखर्जी समेत कुल 7 कलाकारों को सम्मानित किया गया I
पहले दिन सुरजीत सेन द्वारा लिखित व निर्देशित तरूण थिएटर के बहुचर्चित नाटक ‘आउटसाइड द सर्कल’ का मंचन किया गया।
प्रदर्शन में शंपा मुखर्जी, विश्वजीत कुंडू, स्वाति बनर्जी, तपन सेनगुप्ता, सुरजीत सेन आदि ने अपनी अभिनय क्षमता से दर्शकों का ध्यान आकृष्ट किया I दूसरा नाटक ‘की चाह संखचिल’ था जो ढाका, बांग्लादेश की एक टीम द्वारा खेला गया था।
इस नाटक में ओपार बांग्ला के खोरसेदुल आलम, रोशन जन्नत रुशनी के साथ एपार बांग्ला की युवा थिएटर कलाकार दीपशिखा चक्रवर्ती ने अभिनय किया।
दूसरे और तीसरे दिन, तरूण थियेटर का ‘फेसबुक मैरेज’, बांग्लादेश शबद नाट्य चर्चा केंद्र का ‘बिरंगानार बयान’, कोलकाता के ब्लाइड ओपेरा का ‘टेलिस्कोप’ और महिषादल का ‘मुख चाय मुख’, तमलुक के आनंदलोक ड्रामेटिक्स का ‘मुख चाय मुख’, ‘अामार’ आमी मंचस्थ किया गया I
नाटककार के जीवन के बारे में शांतनु मजूमदार के नाटक ‘आमार अामी’ में आनंदलोक ड्रामाटिक के अरिंदम प्रधान, सुचरिता मा ईती, कवि मिश्रा और अन्य ने अद्भुत अभिनय किया। कलाकारों ने ब्लाइड ओपेरा के दो नाटकों में भी शानदार प्रदर्शन कियाI
फेसबुक मैरिज समेत अन्य नाटकों ने भी दर्शकों का दिल जीता। चौथे दिन तरूण थिएटर ने चुआर विद्रोह के संदर्भ में ऐतिहासिक दस्तावेज के रूप में सुरजीत सेन द्वारा लिखित नाटक ‘वीरांगना रानी शिरोमणि’ का मंचन किया गयाI
मेदिनीपुर की लक्ष्मीबाई के नाम से मशहूर ‘रानी शिरोमणि’ की जीवन गाथा पर आधारित इस नाटक में सुरजीत सेन के निर्देशन और दीपशिखा चक्रवर्ती की कोरियोग्राफी में तरूण थिएटर ने 74 कलाकारों के नृत्य, गायन और अभिनय से सजीव और साहसिक नाटक प्रस्तुत कियाI
कलाकार रानी मां के किरदार में दीपशिखा चक्रवर्ती के साथ बिस्वजीत कुंडू, असीम बोस, सत्यव्रत दोलाई, हेदायतुर खान, शांति दत्ता, हिमाद्री मंडल, दयामय प्रमाणिक, अभिजीत डे, अनुपम चंद, स्वस्ति मुखर्जी, मधुमिता शील, उपासना भट्टाचार्य, तापसी.डे, पूर्णनाग आदि ने बखूबी अभिनय कियाI
दो अन्य उत्कृष्ट प्रस्तुतियाँ थीं गड़बेत्ता टीम का अामरा नवीन का नाटक ‘रास्ता’ और खड़गपुर के अलक़ाप का नाटक ‘मैन’। पांच दिनों में मंचस्थ नाटकों के उत्कृष्ट कलाकार सम्मानित भी किए गए I अतिथि के रूप में विद्यासागर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार जयंत किशोर नंदी, जिला न्यायाधीश सुरंजना चक्रवर्ती, जिला सूचना अधिकारी वरुण मंडल और अन्य उपस्थित थे।
नाट्य महोत्सव के आखिरी गुरुवार को इशिता मुखोपाध्याय के नाटक ‘भूत’ का मंचन किया गयाI इस नाटक में कोलकाता के ‘उश्निक’ थिएटर ग्रुप के लिए दो प्रमुख कलाकारों देवाशंकर हलधर, शुभाशीष मुखर्जी ने अभिनय कर दर्शकों का दिल जीत लियाI
महोत्सव के आखिरी नाटक के रूप में हल्दिया संशप्तक का नाटक ‘राजदंड’ प्रस्तुत किया गयाI गुंजन प्रसाद गांगुली द्वारा लिखित इस नाटक को नाटककार कुणाल नंदा और साथी कलाकारों ने युगजीत नंदा के निर्देशन में प्रस्तुत कियाI
इस नाटक में सोमा पांडा नंदा ने अद्भुत संगीत प्रस्तुत किया। इस व्यंग्य नाटक ने थिएटर प्रेमियों का दिल जीत लियाI खचाखच भरे थिएटर में मौजूद दर्शकों का जबरदस्त उत्साह यह साबित करता है कि तरुण थिएटर का यह नाट्य महोत्सव हर दृष्टि से सफल सिद्ध हुआ।
अरुणाभ प्रहराज, हिमाद्रि मंडल, कार्बी विश्वास और स्वाति बनर्जी इस पांच दिवसीय नाटक महोत्सव के मेजबान थे।
इतनी बड़ी सफलता के लिए भाग लेने वाले सभी मंडलों, दर्शकों, प्रशासन, विज्ञापनदाताओं, शुभचिंतकों, सलाहकार बोर्ड, प्रायोजक बोर्ड, आजीवन सदस्यों और तरुण थिएटर के सभी सदस्यों को बधाईसुरजीत सेन एवं विश्वजीत कुंडू ने धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया।
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