तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : अविभाजित मेदिनीपुर जिले में महिला शिक्षा को बढ़ावा देने का अग्रणी शैक्षणिक संस्थान विद्यासागर विद्यापीठ गर्ल्स स्कूल में दो दिवसीय द्विवार्षिक शैक्षिक मॉडल प्रदर्शनी आयोजित की गई। कार्यक्रम की शुरुआत में विद्यालय की प्रधान शिक्षिका स्वाति बनर्जी ने सभी का स्वागत किया। विद्यासागर टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मनोरंजन भौमिक ने दीप प्रज्ज्वलित कर प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। मुख्य अतिथि के रूप में अवर विद्यालय निरीक्षक कुशांकुर सामंत उपस्थित थे।राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त पूर्व प्रधानाध्यापक डाॅ. निर्मलेंदु डे समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
उद्घाटन के मौके पर मेदिनीपुर कॉलेज के पूर्व प्रोफेसर डॉ.सुभाष सामंत, मैनेजमेंट सोसायटी के पूर्व सचिव निमाई चरण खांडा, पूर्व अध्यक्ष रंजीत दास, वर्तमान अध्यक्ष अब्दुल वहीद, नारायण विद्या भवन गर्ल्स स्कूल की प्रधानाध्यापिका अर्पिता सेन, लालगढ़ शारदामणि गर्ल्स स्कूल की प्रधानाध्यापिका स्वर्णलता.बेरा, विद्यासागर विद्यापीठ के प्रिंसिपल अरूप भुइयां, मेजबान स्कूल की प्रिंसिपल स्वाति बनर्जी तथा प्रिंसिपल सुतापा बोस समेत व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित रहे।
स्कूल के छात्र जीव विज्ञान, भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित, बांग्ला, अंग्रेजी, इतिहास भूगोल, संस्कृत, राजनीति विज्ञान, पोषण, कला शिक्षा, शारीरिक शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, कंप्यूटर विज्ञान, परिधान निर्माण सहित सभी विषयों में भिन्न हैंमॉडल और चार्ट बनाकर इस प्रदर्शनी में भाग लिया। मॉडलों को देखने आये अतिथियों, अभिभावकों, पूर्व विद्यार्थियों एवं विभिन्न विद्यालयों के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों ने मॉडलों की सराहना की। विज्ञान विभाग के मॉडलों में रक्त संचार, न्यूरॉन्स, पोषण प्रणाली,
आईवीएफ, रसायन शास्त्र के विभिन्न जादू, परमाणु संयंत्र, चमकते रंग, प्रकाश प्रतिबिंब, रोबोट, विभिन्न विज्ञान के विभिन्न विवरण और दिलचस्प विषय सामने आए। .गणित विभाग के मॉडलों में विभिन्न गणितीय सूत्र और ज्यामितीय आकृतियाँ उभर कर सामने आईं। बंगाली, अंग्रेजी, संस्कृत विषयों के मॉडल में अलग-अलग कविताएं, कहानियां, छंद, कविताएं आईं। बाल श्रम, मध्याह्न भोजन जैसे विषय राजनीति विज्ञान मॉडल के मुख्य विषय थे। भूगोल मॉडल में नदियों का मार्ग, विभिन्न प्रकार की वर्षा आदि बातें सामने आईं।
मिस्र के पिरामिड, आदिमानव का विकास, चतुराश्रम, वर्णाश्रम, जलियांवाला बाग हत्याकांड, दांडी अभियान, चारमीनार, ताज महल, बीजापुर का गोल गुंबद, गांधी का चरखा, आजादहिंद फौज की विभिन्न ब्रिगेड, सतीदाह परंपरा, अकबर का महल इतिहास के मॉडलों में सामने आए जिसमें विभिन्न चीजें शामिल हैं।इतिहास कक्ष के प्रवेश द्वार का स्वागत राजस्थानी शैली के डिज़ाइन से किया गया था और प्रवेश द्वार को शाही प्रवेश द्वार के समान बनाया गया था।
पोषण विज्ञान में, विभिन्न प्रकार के भोजन तैयार करने के मॉडल थे..कंप्यूटर साइंस में प्रोजेक्टर के माध्यम से विद्यालय की उपलब्धियों एवं इतिहास पर प्रकाश डाला गया। शारीरिक शिक्षा विभाग में विभिन्न खेल सामग्रियों के मॉडल थे। परिधान निर्माण में विभिन्न प्रकार की सिलाई मशीनों के मॉडल थे। स्वास्थ्य सेवा के विभिन्न मॉडलों को एक जीवित अस्पताल में खूबसूरती से व्यवस्थित किया गया था। संस्कृत का रहस्यमय वातावरण विशेष रूप से उल्लेखनीय था।
ऐतिहासिक मॉडल ऐतिहासिक मूर्तियों और घटनाओं के दस्तावेजों के रूप में आकर्षक थे। विभिन्न विभागों के विद्यार्थियों की धाराप्रवाह प्रस्तुति और विशेषकर अंग्रेजी विभाग के विद्यार्थियों की धाराप्रवाह अंग्रेजी और स्पष्ट उच्चारण में प्रस्तुति बेहद सराहनीय रही। मॉडल को देखने के लिए शहर के विभिन्न स्कूलों के छात्र आए तो माउपाल, भदुताला, चुआडांगा हाई स्कूल जैसे स्कूलों के छात्र भी शामिल हो गए। विद्यालय की प्रधानाध्यापिका स्वाति बनर्जी ने दो दिवसीय कार्यक्रम के सफल समापन के लिए सभी संबंधितों को धन्यवाद दिया।