तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : अविभाजित मेदिनीपुर जिले के सबसे पुराने संगीत शिक्षण संस्थानों में से एक छन्दम संगीत अकादमी का 54वां वार्षिक बसंतोत्सव विद्यासागर स्मृति मंदिर के सुसज्जित मंच पर आयोजित किया गया। रंगेते फागुन साजलो’ नामक कार्यक्रम का शुभारंभ अन्य अतिथियों की उपस्थिति में दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया I
कार्यक्रम में प्रख्यात लेखक एवं चिकित्सक डॉ. बिमल गुरिया, सामाजिक कार्यकर्ता सुब्रत सरकार, वकील गौतम मल्लिक, शिक्षाविद् सत्यव्रत दोलुई, प्रख्यात उद्यमी चंदन बसु एवं अन्य उपस्थित थे। मुख्य कार्यक्रम की शुरुआत मेदिनीपुर के प्रसिद्ध संगीत कलाकार विश्वेश्वर सरकार द्वारा लिखित और संगीतबद्ध दो गीतों से हुई।
दोनों गीतों की प्रस्तुति संस्थान के छात्रों द्वारा की गई। कवयित्री अंजना पाल की काव्य पुस्तक ‘फिरे देखा’ इसी मंच पर प्रकाशित हुई ।कार्यक्रम में प्रमुख संगीतकार जयंत साहा, आशीष सरकार, सौमेन चक्रवर्ती, रथिन दास, सुमना सरकार, देवयानी रॉय, देबाशीष कर, चंदन मिश्रा, अतनु दास, अनिरुद्ध मुखर्जी के अलावा संस्थान के छात्रों ने संगीत प्रस्तुत किया।
यह नृत्य प्रदर्शन तीन नृत्य संस्थानों मल्लार, नृत्यांजलि और रबीसप्तक के छात्रों द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में लगभग चालीस गाने इस्तेमाल किए गए, सभी गाने विश्वेश्वर सरकार द्वारा रचित और सुरबद्ध थे। विश्वेश्वर सरकार ने सुरों के साथ शब्दों का तालमेल बिठाकर एक बार फिर साबित कर दिया कि गंगा पार भी बंगाल का एक प्रख्यात गीतकार संगीतकार है।
आयोजक संस्था के सूत्रों के अनुसार संस्था के प्रमुख संगीत कलाकार विश्वेश्वर सरकार अब तक दो हजार से अधिक गीत लिख व संगीतबद्ध कर चुके हैं। ‘स्वरलिपि’ के साथ संगीत पर पांच किताबें पहले ही प्रकाशित हो चुकी हैं I बाकी गानों की स्वरलिपि भी निकट भविष्य में रिलीज होने वाली हैI
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