शीतला माता स्नान यात्रा में उमड़ा श्रद्धा का जनसैलाब

उमेश तिवारी, हावड़ा : उत्तर हावड़ा के बांधाघाट, सलकिया अंचल के 483 वर्ष प्राचीन ऐतिहासिक शीतला माता स्नान यात्रा मंगलवार को सूर्योदय के साथ ही शुरू हो गया। सुबह होते ही पूरा उत्तर हावड़ा आरोग्य प्रदायिनी मां शीतला की भक्ति में डूब गया। मंदिर के पुजारी के अनुसार यह यात्रा देश में केवल यहीं निकलती है। बड़ी मां अपने मंदिर से मंगलवार शाम को गुलाब के फूलों से सजी पालकी में सवार स्नान यात्रा के लिए निकली और इस झांकी के साथ लाखों भक्त मौजूद थे। जिस मां के हाथों इस सृष्टि का संचालन होता है वही आज श्रद्धालुओं के कंधों पर पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण पर निकली और पूरे अंचल को आशीर्वाद देते हुए गंगा में स्नान कर अपने मंदिर वापस लौटी। इसकी शुरूआत इसके मुख्य केन्द्र सलकिया के अरविन्द रोड स्थित बड़ी शीतला माता मंदिर और बांधाघाट स्थित गंगाघाट से हुई। जो बाबूडांगा, मुर्गीहाटा, नंदीबागान आदि स्थानों की परिक्रमा कर वापस मंदिर पहुंची।

मंगलवार तडक़े से ही बांधाघाट में गंगा स्नान कर वहीं से बड़ी शीतला माता मंदिर तक दंडवत प्रणाम (दंडी प्रणाम) करते हुए व्रती श्रद्धालुओं की ओर से प्रथम चरण की पूजा की गई। इसके बाद श्रद्धालुओं ने पुन: गंगा में स्नान किया और शीतला माताओं को स्नान कराने के लिए सडक़ के दोनों किनारों पर कतारबद्ध खड़े हो गए। इस महापर्व में गोलाबाड़ी से लेकर घुसुड़ी, पिलखाना, लिलुआ और कोना से लेकर सलकिया तक चतुर्दिक शीतला माता के जयकारों से पूरा वातावरण गूंज उठा। दोपहर बाद शुरू ऐतिहासिक शीतला माता स्नान यात्रा में बैंड-बाजों के साथ मनोहारी झांकियों के मध्य पालकियों पर सवार शीतला माताओं की झांकियों को गंगाघाट ले जाकर स्नान कराने और फिर उन्हें उनके मंदिरों में लाकर स्थापित करने का क्रम जारी रहा।

मुख्य 7 शीतला माताओं में से छोटी मां को छोड़ कर 6 माताओं सहित अन्य माताओं को मिलाकर 100 शीतला माताओं को पालकी में सजाकर स्नान के लिए गंगाघाट लाया गया। इस दौरान सडक़ों के दोनों किनारे खड़े श्रद्धालुओं ने गंगाजल से माताओं को स्नना कराकर बताशे का प्रसाद चढ़ाया। इससे पहले बांधाघाट (सत्यनारायण टेम्पल रोड) स्थित पंचानन बाबा (जिन्हें इन माताओं का भाई माना जाता है) से माताओं ने मुलाकात कर यहां से भेंट स्वरुप साड़ी प्राप्त की।

शोभायात्रा और स्नान यात्रा पर्व का समापन बड़ी शीतला माता के स्नान के साथ हुआ। गर्मी में वातावरण को शीतल रखने और जनमानस को चेचक जैसे रोगों से रक्षा करने की सामूहिक प्रार्थना के उद्देश्य से आयोजित इस पर्व पर न केवल राज्य के विभिन्न हिस्सों से बल्कि बिहार, झारखंड, उप्र, उड़ीसा, असम सहित आसपास के अन्य राज्यों के भी हजारों भक्त शामिल हुए। दूसरी ओर हावड़ा सिटी पुलिस की ओर से सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे। स्नान यात्रा से पहले मंदिर प्रांगण सहित आसपास के इलाकों में गहन जांच अभियान चलाया गया था।

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