उमेश तिवारी, हावड़ा । लोक आस्था का पर्व माने जाने वाले बिहार के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक चैती छठ का आयोजन हावड़ा के विभिन्न घाटों पर देखने को मिला। छठव्रती महिलाएं तेलकल घाट, रामकृष्णपुर घाट, शिवपुर घाट सहित हावड़ा के कई घाटों पर अपने परिवार के साथ पूजा करने के लिए आयी हुईं थी। गुरुवार को सांध्य अर्घ्य दिया गया। छठ पूजा के दिन सूर्य को अर्घ्य देने का विधान है। छठ पूजा का व्रत महिलाएं अपनी संतान की रक्षा और सुखी जीवन के लिए रखती हैं। साथ ही पूरे परिवार की सुख शांति की कामना के लिए भी यह व्रत किया जाता है। मान्यता है कि खरना की पूजा करने के बाद घर में देवी षष्ठी का आगमन होता है। फिर तीसरे और चौथे दिन इस पर्व का सबसे अहम होता है। इसे ही सांध्य और उषा अर्घ्य कहा जाता है।
इससे पहले गुरुवार सुबह रामकृष्णपुर घाट और तेलकल घाट की साफ सफाई की गयी और गंगा जल से धोया गया। इस कार्य में वार्ड 29 के पूर्व पार्षद शैलेश राय और उनकी टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। हावड़ा के गंगा घाटों पर सुरक्षा के विशेष इंतजाम किये गए थे। हावड़ा सिटी पुलिस की ओर से श्रद्धालुओं को गहरे पानी में जाने से मना किया जा रहा था। साथ ही चोर, उच्चकों और छिनतईबाजों पर नजर रखी जा रही थी। हालांकि चैती छठ पर सेवा शिविर लगानेवाले संस्थाओं की कमी देखी गयी। कई छठब्रती महिलाओं को दांडी करते हुए घाट की ओर जाते हुए देखा गया।
छठ व्रतियों और पूजकों की सेवा में हावड़ा कमल संघ उतरा। तकरीबन दो दशक से नमक गोला घाट पर भगवान भुवन भास्कर के चैत्र शुक्ल की षष्ठी तिथि को शाम के प्रथम अर्घ्य से सप्तमी तिथि के सुबह के अर्घ्य तक कमल संघ के कार्यकर्ता घाट पर आने वाले व्रती और पूजकों की सेवा में पूजन सामग्री का वितरण किया। यह बताते हुए हावड़ा कमल संघ के सचिव उमेश राय ने कहा कि कार्तिक छठ में भी यह व्यवस्था रहती है। छठ व्रतियों के सम्मान पूर्व पार्षद गीता राय की ओर से गमछा ओढा कर किया गया। इसके अलावा घाट की सड़क सफाई से लेकर सुरक्षा की व्यवस्था पर भी कार्यकर्ताओं की नजर थी। आज इस सेवा शिविर में अंजलि सिंह, गीता त्रिवेदी, नीतू पाठक, रवीन्द्र सिंह, विनोद जायसवाल, अंशु सिंह, अविनाश सिंह, समरजीत कुमार, मुकेश राय, रमेश राय, मुन्ना दुबे, पप्पू दुबे, सुखारी सिंह, जितेंद्र तिवारी, राजेश राय की सहयोगिता रही।