कीव। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोदिमिर जेलेंस्की ने शनिवार को कहा कि रूस को अपनी गलतियों की वजह से हुए नुकसान को कम करने का एकमात्र रास्ता है कि वह बातचीत करें, वर्ना उसे ऐसा नुकसान होगा कि इसका दुष्परिणाम उसकी कई पीढ़ियों को भुगतना पड़ेगा। जेलेंस्की ने एक वीडियों संदेश में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से शनिवार को कहा कि यह बिना देरी किए बात करने का समय है। जेलेंस्की ने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि अभी हर कोई मेरी बात सुने, विशेषकर लोग मुझे मॉस्को में सुनें। यह मिलने का समय है, यह बात करने का समय है, यह यूक्रेन के लिए क्षेत्रीय अखंडता और न्याय बहाल करने का समय है, नहीं तो रूस को इस तरह के नुकसान का सामना करना पड़ेगा कि कई पीढ़ियों पर उसका असर होगा।’
उन्होंने कहा कि रूस के साथ शांति पर बातचीत हो, हमारे लिए सुरक्षा पर बात हो, यूक्रेन के लिए सार्थक, निष्पक्ष और बिना देरी किए बातचीत हो। रूस के पास अपनी गलतियों की वजह से नुकसान को कम करने का एकमात्र मौका है ,वह बातचीत करे। वर्ना उसे ऐसा नुकसान होगा कि कई पीढ़ियां उबर नही पायेंगी। उन्होंने बताया कि यूक्रेन में सात मानवीय गलियारे हैं, जिनमें से छह सूमी में और एक डोनेट्स्क में है।
यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा कि अभी तक 9,000 से अधिक लोग बंदरगाह शहर मारियुपोल को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जा चुके हैं।
रूस ने कई शहरों को मानवीय सहायता की आपूर्ति को रोक रखा है। यह पूरी तरह से सोची-समझी रणनीति है। उन्होंने मारियुपोल में थिएटर पर हुए हमले के बारे में कहा,”उनमें से कुछ गंभीर रूप से घायल हैं। लेकिन अभी मृतकों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।” द गार्जियन ने राष्ट्रपति के हवाले से कहा कि रूसी सेना देश के कई इलाकों में मौजूद है, लेकिन खार्किव क्षेत्र में विशेष रूप से इज़ियम के निकट भीषण लड़ाई जारी है। वह स्विट्जरलैंड, इटली, इज़राइल और जापान सहित विश्व नेताओं से यूक्रेन में शांति का आह्वान करने की अपील करना जारी रखेंगे।
नौ हजार से अधिक लोगों ने छोड़ा मारियुपोल : यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि 9,000 से अधिक लोग बंदरगाह शहर मारियुपोल को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जा चुके हैं। खलीज़ टाइम्स की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी। उन्होंने कहा कि अभी तक कुल 1,80,000 से अधिक लोग विभिन्न मानवीय गलियारों के माध्यम से सुरक्षित निकाले जा चुके हैं। ज़ेलेंस्की ने आरोप लगाया कि रूसी सेना जानबूझकर यूक्रेन के सबसे बड़े शहरों को निशाना बना रही है ताकि यूक्रेनी लोगों को उनके साथ सहयोग करने के लिए मजबूर किया जा सके। उन्होंने रूस पर देश के केंद्र और दक्षिण-पूर्व के शहरों तक आपूर्ति को रोकने का आरोप लगाया है।