कोलकाता। कोलकाता पुलिस की एसटीएफ शाखा ने बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले से अल-कायदा के आंतकवादी मनीरुद्दीन खान को गिरफ्तार किया। महज 20 साल का मनीरुद्दीन अपने आका ‘अजीजुल’का हुक्मरान बनकर बंगाल में अल-कायदा के स्लीपर सेल तैयार कर रहा था। इधर कोलकाता पुलिस की STF टीम ने जबसे ‘अजीजुल’ को गिरफ्तार किया तब से मनीरुद्दीन अपने आका के कहे अनुसार चल रहा था। अजीजुल की गिरफ्तारी के बाद मनीरुद्दीन गिरफ्तार होने के डर से अंडरग्राउन्ड हो गया। लेकिन अंडरग्राउंड होकर भी वह धीरे-धीरे वह बंगाल में अपने मंसूबों को कामयाब करने के लिए काम करने लगा।
बता दें कि पिछले कुछ महीनों में अल-कायदा के 4 आतंकी पकड़े गए हैं। यह सिर्फ बंगाल में ही नहीं देशभर में अपना नेटवर्क फैला रहे थे। हाल ही में हसनत नाम के एक आतंकी को उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया गया था। इसके साथ ही 2 और आतंकवादियों को भोपाल से कोलकाता लाया गया। यूपी से पकड़े जाने वाले हसनत का घर बंगाल के मालदह जिले में है। कोलकाता पुलिस की STF सूत्रों ने बताया कि यूपी से पकड़े गए मोहम्मद हसनत के मालदह स्थित घर छापेमाकरी की गई थी। उसके बाद वहां एक पेन ड्राइव बरामद हुई है।
जिसकी जांच में पता चला है कि उन्होंने न केवल पश्चिम बंगाल बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों में “लोन वुल्फ अटैक” की योजना आतंकियों ने बनाई थी। इन लोगों ने आतंकी हमले के बाद भारत छोड़कर बांग्लादेश में फरार होने की योजना भी बनाई थी। हसनत से पूछताछ करने पर मथुरापुर निवासी अजीजुल हक का पता चला। अलीजुल को गत 1 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। कथित तौर पर उसने दक्षिण 24 परगना में अल-कायदा स्लीपर सेल शुरू किया था। उसी के कहे अनुसार अब तक मनीरुद्दीन काम कर रहा था।
दक्षिण 24 परगना के मथुरापुर से गिरफ्तार आतंकी मनीरुद्दीन ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। मनीरुद्दीन ने बताया कि वो अपने आका अलीजुल के कहने पर बंगाल में स्लीपर सेल तैयार कर रहा था। यहां स्लीपर सेल करके किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की कोशिश कर रहे थे। दरअसल स्लीपर सेल देश के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को फैलाने के लिए तैयार किए जाते है। इस तरह के दस्ते में आत्मघाती हमलावर या फिदायीन होते है। ये ख़ुफ़िया एजेंसियों के संपर्क में भी कम रहते हैं इसलिए इन्हें स्लीपर सेल कहा जाता है।