हाईकोर्ट की सख्ती के बाद तत्काल जेल से लाकर पेश किए गए माणिक भट्टाचार्य

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार प्राथमिक शिक्षा परिषद के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य को हाईकोर्ट की सख्ती के बाद आज ही कोर्ट में पेश कर दिया गया है। न्यायमूर्ति अभिजीत गांगुली ने दोपहर 1:00 बजे के करीब आदेश दिया था कि उन्हें 3:00 बजे से पहले कोर्ट में लाकर पेश किया जाए। इसके बाद तुरंत प्रेसीडेंसी जेल प्रबंधन इसे लेकर सक्रिय हो गया और कोलकाता पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच 3:00 बजे से थोड़ी देर बाद उन्हें लाकर कोर्ट में पेश किया गया है। माणिक भट्टाचार्य ने अपने चेहरे पर मास्क लगाया था और सफेद शर्ट और काला ट्राउजर पहने हुए थे। मीडिया कर्मी उनसे लगातार सवाल पूछते रहे लेकिन चारों तरफ से पुलिसकर्मियों से घिरे सिर नीचे किए हुए बिना एक शब्द बोले वह कोर्ट के अंदर प्रवेश कर गए।

वर्ष 2016 में हुई प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) में बड़े पैमाने पर धांधली, उत्तर पुस्तिका से छेड़छाड़ और परीक्षार्थियों के बार-बार आवेदन के बावजूद उन्हें उनके नंबर से संबंधित जानकारी नहीं दिए जाने को लेकर बुधवार को कोर्ट में सुनवाई हो रही थी। उसी दौरान न्यायाधीश ने कहा कि प्राथमिक शिक्षा परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य को आज ही मेरी कोर्ट में पेश किया जाए। उनसे पूछताछ होगी। उन्होंने जेल प्रबंधन को तत्काल निर्देशित किया जिसके बाद माणिक को लाकर पेश किया गया है।

उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने प्रेसीडेंसी जेल प्रबंधन को सख्त आदेश दिया था कि आज ही माणिक को कोर्ट में पेश करें। शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश अभिजीत गांगुली ने बुधवार को एक बार फिर सख्त आदेश दिया। उन्होंने प्रेसीडेंसी जेल प्रबंधन को वहां बंद प्राथमिक शिक्षा परिषद के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य को आज ही कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया। अधिवक्ता तरुण ज्योति तिवारी ने बताया कि प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में कई गंभीर अनियमितताएं हुई हैं जिनमें एप्टिट्यूड टेस्ट, नंबर और नियुक्ति प्रक्रिया में भी धांधली की गई है।

तमाम गतिविधियां प्राथमिक शिक्षा परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य के निर्देश पर अंजाम दी गईं। इसलिए हाईकोर्ट ने उनसे पूछताछ करने के लिए बुलाया है। हालांकि तरुण ज्योति ने बताया कि यह अपने आप में विरल आदेश है। अमूमन जेल में बंद आरोपितों के मामलों की सुनवाई निचली अदालतों में होती है। माणिक ने भी कई आवेदन किया है जिस पर बैंकशाल कोर्ट अथवा अलीपुर कोर्ट में सुनवाई हुई है। लेकिन यह पहली बार है जब हाईकोर्ट ने जेल में बंद आरोपित को सीधे तौर पर तलब किया है। 2016 में हुई प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति परीक्षा को लेकर सुनवाई चल रही थी। इसी सिलसिले में न्यायाधीश ने उन्हें हाजिर करने को कहा।

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