कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार शाम राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने मंगलवार को राजभवन में बंगाल का स्थापना दिवस नहीं मनाने का अनुरोध किया। पत्र में, जिसकी एक प्रति आईएएनएस के पास उपलब्ध है, मुख्यमंत्री ने राजभवन के अधिकारियों द्वारा मंगलवार को बंगाल का स्थापना दिवस मनाने की घोषणा पर हैरानी जताई। ममता ने कहा, मैं यह जानकर हैरान हूं कि आपने 20.06.2023 को राजभवन में एक कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला किया है, जिसे आपने विशेष रूप से राज्य के स्थापना दिवस के रूप में वर्णित करने के लिए चुना है।
मुख्यमंत्री ने दिन में अपने और राज्यपाल के बीच एक कथित टेलीफोनिक चर्चा का भी उल्लेख किया, जहां बाद में कथित तौर पर स्वीकार किया गया कि एक विशेष दिन को पश्चिम बंगाल के स्थापना दिवस के रूप में घोषित करने का एकतरफा और गैर-निर्णायक निर्णय वारंट नहीं है। ममता के अनुसार, राज्य की स्थापना किसी विशेष दिन पर नहीं हुई थी। इसके विपरीत, राज्य का गठन कुख्यात रेडक्लिफ अवार्ड के माध्यम से किया गया था।
जिसे औपनिवेशिक/ शाही सरकार द्वारा वैधता प्रदान की गई थी। उन्होंने यह भी बताया कि स्थापना के बाद से पश्चिम बंगाल के लोगों ने कभी भी किसी भी दिन को स्थापना दिवस के रूप में मनाया या मनाया नहीं है। पत्र में कहा गया है, बल्कि, हमने विभाजन को सांप्रदायिक ताकतों के उकसावे के परिणामस्वरूप देखा है, जिसे उस समय रोका नहीं जा सकता था।