कोलकाता। पश्चिम बंगाल के संसदीय मामलों के मंत्री शोभनदेब चट्टोपाध्याय ने कहा कि राज्यपाल का पद समाप्त कर दिया जाना चाहिए और हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश उनके कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को अच्छी तरह से निभा सकते हैं। चट्टोपाध्याय ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि जब मानसून सत्र फिर से शुरू होगा तो वह इस मुद्दे को विधानसभा में उठाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्यपाल पद की कोई आवश्यकता नहीं है। भारत जैसे देश में पद को समाप्त किया जाना चाहिए जहां राजनीतिक स्थिति बहुत विविध है और विभिन्न राज्यों में विभिन्न दलों का शासन होता है।
राज्यपाल के पद का उपयोग अक्सर राजनीतिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है। यह विकास कार्य में बाधा डालता है और अक्सर विवाद पैदा करता है।चट्टोपाध्याय ने कहा कि मुझे लगता है कि राज्यपाल की जिम्मेदारी मुख्य न्यायाधीश को दी जानी चाहिए। वह निष्पक्ष रूप से कार्य को संभाल सकते हैं। राज्यपाल पद के लिए जनता का इतना पैसा खर्च करने का कोई मतलब नहीं है। चटर्जी का कहना है कि उनका प्रस्ताव केवल बंगाल तक ही सीमित नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘यह केवल मेरे राज्य के लिए नहीं है। चूंकि देश में बहुदलीय प्रणाली है, तो कई बार एक खास पार्टी केंद्र में होती है और अन्य दल राज्य में सत्ता में होता है। इस समय दोनों के बीच मतभेद होते हैं, जो विकास को प्रभावित करते हैं।’ उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे लगता है कि इस मतभेदों को जारी रखने की कोई जरूरत नहीं है। चूंकि मुख्य न्यायाधीश गैर-राजनीतिक व्यक्ति होता है और वह कानून बेहतर जानता है, तो उन्हें राज्यपाल की जिम्मेदारियां देखनी चाहिए।’