नेता प्रतिपक्ष की अनुपस्थिति में ममता का फैसला : पूर्व डीजी वीरेंद्र होंगे मुख्य सूचना आयुक्त

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी की अनुपस्थिति में ही मुख्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति की घोषणा कर दी है। उन्होंने संसदीय कार्य मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय को साथ लेकर बैठक की और घोषणा कर दी है कि पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजी) वीरेंद्र कुमार राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त होंगे। संवैधानिक नीति के मुताबिक नेता प्रतिपक्ष, मुख्यमंत्री और संसदीय कार्य मंत्री मिलकर यह फैसला लेते हैं। बुधवार को इन तीनों की बैठक होनी थी लेकिन विधानसभा में होने वाली इस बैठक में शामिल होने से शुभेंदु ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि बैठक के मुद्दों के बारे में लिखित में उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई है, ना ही आवेदकों का प्रोफाइल उपलब्ध करवाया गया है।

छह महीने से अधिक समय से राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त का पद रिक्त पड़ा हुआ है। 15 लोगों ने इसके लिए आवेदन किया था जिनमें से पांच लोगों को उम्र जनित कारणों की वजह से रिजेक्ट कर दिया गया था। बाकी 10 लोगों में से विरेंद्र कुमार को ममता के मुख्य सूचना आयुक्त चुना है। उनकी नियुक्ति संबंधी अनुशंसा पत्र राज्यपाल डॉ सी वी आनंद बोस को भेज दिया गया है। वहां से हरी झंडी मिलते ही वह अपना पदभार संभाल लेंगे। बैठक के बाद शोभन देव ने मीडिया से बात की।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने सेवानिवृत्त पूर्व पुलिस महानिदेशक वीरेंद्र कुमार के नाम का प्रस्ताव दिया। उन्हीं को मुख्य सूचना आयुक्त के तौर पर चुना गया है। इसके अलावा शुभेंदु अधिकारी के आरोपों पर भी शोभन ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि शुभेंदु ने जो पत्र लिखा है वह कुछ देर पहले ही मिला है लेकिन शुभेंदु को 12 दिनों पहले आमंत्रित किया गया था। उन्होंने जो कारण बताया है वह निराधार है। शोभन ने कहा कि विभिन्न अखबारों में मुख्य सूचना आयुक्त नियुक्ति आवेदन आमंत्रित करने  संबंधित विज्ञापन दिया गया था।

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