कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दंगाइयों की पार्टी करार हुए भाजपा को देश के लिए बहुत बड़ा खतरा बताया। उन्होंने कहा कि तृणमूल का विकल्प सिर्फ तृणमूल है। गुरुवार को कोलकाता के गीतांजलि स्टेडियम में अनुसूचित जाति व जनजाति के सम्मेलन में ममता ने कहा कि भाजपा देश के लिए बहुत बड़ा खतरा है। पूरी दुनिया के लोग अब इस बात को समझ रहे हैं। भाजपा पूरे देश को बेचने में लगी हुई है। वह बंगाल पर नजर डालने से पहले खुद को आइने में देखे। यूपी, एमपी, गुजरात, बिहार का आज क्या हाल है। त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री मानिक सरकार हाल में बंगाल में जनसभा करके कह गए हैं कि भाजपा ने त्रिपुरा का बुरा हाल कर दिया है। भाजपा ने वहां 10,000 शिक्षकों की नौकरी स्थायी करने का वादा किया था जबकि उनकी नौकरी ही छीन ली। त्रिपुरा में भाजपा की सरकार बनने के बाद बहुत से बंगाली भागकर यहां आ गए हैं। बंगाल में शांति चाहिए तो भाजपा को यहां से विदा करना होगा। हम शांति चाहते हैं और भाजपा दंगा चाहती है।
पतन की ओर बढ़ रही भाजपा : हम विकास चाहते हैं और वह पतन। केंद्र सरकार ने विकास कार्यों के लिए फंड देना बंद कर दिया है जबकि हमने लॉकडाउन के समय भी अपने कर्मचारियों को महीने की पहली तारीख पर वेतन दिया है। प्रवासी मजदूरों के बहाने भाजपा पर जोरदार कटाक्ष किया। ममता ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए केंद्र की भाजपा सरकार ने ट्रेन का किराया नहीं दिया,लेकिन कुछ जनों को विशेष विमान से दिल्ली ले जाने के लिए बहुत सारा पैसा खर्च किया। चार्टर्ड फ्लाइट की व्यवस्था की। ममता का इशारा हाल में तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल हुए राजीव बनर्जी, वैशाली डालमिया, प्रबीर घोषाल, रथिन चक्रवर्ती और पार्थसारथी की ओर था।
ब्लैकमेल करने से कुछ नहीं होगा
ममता ने कहा कि चुनाव के समय मुझे ब्लैकमेल करने से कुछ नहीं होने वाला। मुझे धमकाकर कुछ हासिल नहीं किया जा सकता। अगले चार-पांच दिनों में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो जाएगी, उससे पहले मैं जितना हो पा रहा है, सबके लिए कर रही हूं। सोने का अंडा देने वाली मुर्गी को ही काट दोगे तो कुछ नहीं मिलेगा।
सभा में भड़कीं ममता
सभा की शुरुआत में ही ममता बनर्जी भड़क उठीं। मुख्यमंत्री के भाषण शुरू करते ही सभा में उपस्थित कुछ लोगों ने अपनी मांगों को लेकर शोर मचाना शुरू कर दिया। इसको लेकर वह भड़क गईं। ममता ने कहा जब भी मैं भाषण देना शुरू करती हूं तो तीन-चार लोग शोर मचाना शुरू कर देते हैं। मैं जितना कर सकती हूं, उतना कर रही हूं। हर कोई हर चीज मांगने लगेगा तो मैं सब कैसे कर पाऊंगी। मैं कोई भगवान नहीं हूं। राज्य सरकार ने कन्याश्री, सबूज साथी, स्वास्थ्य साथी समेत विभिन्न परियोजनाओं के जरिए सभी परिवारों को कुछ न कुछ दिया है।