नई दिल्ली। बंगाल के विभिन्न हिस्सों में 2 मई को विधानसभा चुनाव परिणामों की घोषणा, जिसमें सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को भारी जीत मिलने के बाद हिंसा भड़कने की खबरों पर कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी को रक्तपात को रोकने के लिए कदम उठाना चाहिए। कांग्रेस के पश्चिम बंगाल प्रभारी जितिन प्रसाद ने कहा, “चुनाव के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर तृणमूल द्वारा की गई हिंसा अस्वीकार्य है। यहां तक कि महिलाओं और बच्चों को भी नहीं बख्शा गया।
मुझे यकीन है कि पश्चिम बंगाल के लोगों ने इस अधर्म के लिए वोट नहीं दिया होगा।” वहीं, पार्टी के राज्यसभा सांसद शक्तिसिंह गोहिल ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “तृणमूल नेता (ममता) को हिंसा रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए, क्योंकि चुनाव जनादेश एक जिम्मेदारी के साथ आता है। यदि निशाना भाजपा कार्यकर्ता हैं, तब भी हिंसा तुरंत रोकी जानी चाहिए।”
बंगाल में चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद कुछ भाजपा उम्मीदवारों के घरों और वाहनों पर कथित तौर पर हमला किया गया था। नंदीग्राम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को हराने वाले भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी के वाहन पर भी हमला किया गया। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने ट्वीट किया था, “गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार से राज्य में विपक्षी राजनीतिक कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने वाली हिंसा के बारे में रिपोर्ट मांगी है।”
तृणमूल नेताओं ने हालांकि कहा है कि उनका पश्चिम बंगाल में ऐसी किसी भी घटना से कोई लेना-देना नहीं है और लोगों से शांति बनाए रखने और सभी कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करने का आग्रह किया। चुनाव आयोग ने जब उत्तर बंगाल के नटाबारी में भाजपा उम्मीदवार मिहिर गोस्वामी की जीत की घोषणा की, तब उनकी कार को नुकसान पहुंचाए जाने के बारे में पता चला। गोस्वामी ने तृणमूल के वरिष्ठ नेता रवींद्रनाथ घोष को हराया।
आरामबाग स्थित भाजपा के एक कार्यालय में कथित तौर पर आग लगा दी गई, जहां पार्टी उम्मीदवार मधुसूदन बाग ने तृणमूल की सुजाता मंडल को लगभग 7,100 मतों से हराया। सिउरी में, एक भाजपा कार्यालय में तोड़फोड़ की गई और स्थानीय पार्टी नेता के ट्रैक्टर में आग लगा दी गई। इसी तरह की घटना कोलकाता के बेलाघाट निर्वाचन क्षेत्र से सामने आई थी, जहां भाजपा के एक उम्मीदवार के गैरेज में आग लगा दी गई थी।