कोलकाता। Bengal Legislative Assembly : 50 साल बाद राज्य में विधान परिषद की वापसी हो रही है। ज्ञातव्य है कि ममता ने विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के नामों की घोषणा के दौरान वादा किया थी कि सत्ता में लौटने के बाद विधान परिषद का गठन किया जाएगा। अनेकों नेताओं को टिकट नहीं मिल पाया था, अब वे विधान परिषद के सदस्य हो सकते हैं। ममता ने इस वादे को पूरा किया। आज सोमवार को कैबिनेट की बैठक में विधान परिषद गठन के प्रस्ताव पर मुहर लगी।
सोमवार को ममता बनर्जी कैबिनेट की बैठक में शामिल नहीं हो सकी थी, इसके चलते 24 मई को फिर से बैठक होने जा रही है। हालाकि मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को फोन पर बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी देने का निर्देश दिया। कैबिनेट बैठक में विधान परिषद बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। अब राज्य को विधानसभा में एक विधेयक लाना होगा। इसके बाद राज्यपाल और राष्ट्रपति की मंजूरी लेनी होगी।
राज्यसभा और लोकसभा की तरह ही द्विसदनीय सभा में उच्च सदन विधान परिषद है और निचला सदन विधानसभा है। 1969 में पश्चिम बंगाल से विधान परिषद को समाप्त कर दिया गया था। अब अगर सब कुछ ठीक रहा, तो विधान परिषद 50 साल बाद बंगाल में वापस आ जाएगी।