ममता बनर्जी ने कहा – हमारी सरकार आने के बाद पुण्यार्थियों लिए विकसित की सारी सुविधाएं

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता के बाबू घाट में बने गंगासागर सेवा शिविर में पहुंचकर बुधवार को यहां पुण्यार्थियों के लिए की गई सभी व्यवस्थाओं का जायजा लिया है। इसके साथ ही संबोधन करते हुए मुख्यमंत्री ने दावा किया है कि पूर्ववर्ती सरकारों ने गंगासागर में तीर्थ यात्रियों की सुविधाओं के लिए कोई व्यवस्था नहीं की थी। ममता ने कहा कि पहले गंगासागर में कुछ नहीं था। मेरी सरकार आने के बाद वहां बहुत कुछ विकसित किया गया है। तीर्थ यात्रियों के रहने के लिए गेस्ट हाउस, सुंदर रोशनी, हेलीपैड, सौ बायो टॉयलेट राज्य सरकार ने तैयार किया है।

ममता ने कहा कि हाल ही में आए चक्रवात यश की वजह से गंगासागर का अधिकतर हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था लेकिन हमने उसे फिर से मरम्मत कर सजाया है। इसके पहले भी ममता बनर्जी ने गंगासागर मेले को राष्ट्रीय मेला घोषित करने की मांग केंद्र से की थी। बुधवार को भी एक बार फिर इसका जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध कुंभ मेला पहुंचने के लिए रेल, सड़क और हवाई मार्ग से सारी सुविधाएं मौजूद हैं।

गंगासागर पहुंचना आसान नहीं है। वहां पहुंचने के लिए सड़क पार करना पड़ता है, नदी पार करनी पड़ती है। उन्होंने तीर्थ यात्रियों को हिंदी में संबोधन करते हुए कहा कि आप लोग बंगाल में आए हैं मैं तहे दिल से स्वागत करती हूं। आपको कोई समस्या ना हो इसके लिए हमारी पुलिस और लोग व्यवस्था कर रहे हैं। आपको घबड़ाना नहीं है। आपके गंगासागर जाने के लिए बसे हैं, आराम से बैठिएगा और परिवार के साथ पहुंचिएगा।

सागर मेले में मौत होने पर मिलेगी वित्तीय मदद : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस बात का भी जिक्र किया कि गंगासागर मेले में पुण्यार्थियों की अगर किसी तरह की दुर्घटना में मौत हुई है तो राज्य सरकार उनके परिवार के लिए पांच लाख रुपये की वित्तीय मदद देगी। उन्होंने कहा कि मेले में किसी भी तरह की दुर्घटना ना हो अथवा किसी को असुविधा ना हो इसके लिए सरकार ने कदम कदम पर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की है। उन्होंने कहा कि कई लोग ऐसे हैं जो मेले में व्यवस्था को लेकर दुष्प्रचार भी कर रहे हैं लेकिन उस पर भरोसा करने की जरूरत नहीं है।

सागर मेला परिसर में लगातार राज्य सरकार की ओर से हिंदी, इंग्लिश और बांग्ला में अनाउंसमेंट हो रहे हैं। उसे सुनकर उसी के मुताबिक चलने की जरूरत है। यहां संबोधन करते हुए ममता ने राज्य सरकार के अन्य कार्यों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि चिड़ियाखाना में पहले एक गेट था अब कई सारे गेट तैयार कर दिए गए हैं। पहले चिड़ियाखाना में बाघ खुला घूमता था लेकिन हमने उसके लिए अच्छा पिंजरा बनाया है। इसके लिए ढाई करोड़ रुपये खर्च किए हैं।

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