कोलकाता। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने का जश्न मनाने के लिए केंद्र की मेगा पहल का हिस्सा नहीं है, जिसे आजादी का अमृत महोत्सव (AKAM) नाम दिया गया है। पार्टी ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार की ओर से राज्यों के साथ काम करने के लिए एकजुट दृष्टिकोण की कमी के कारण केंद्रीय पहल से उसने दूरी बनाई है।
टीएमसी के लिए यह कोई नई बात नहीं है। उसने इससे पहले भी कई केंद्रीय योजनाओं को राज्य में लागू नहीं किया है, जिनमें पोषण अभियान के तहत बच्चों के लिए पोषण, मातृत्व योजनाओं, स्वास्थ्य बीमा योजना, आयुष्मान भारत के तहत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और राष्ट्रीय शिक्षा नीति शामित है। राज्य सरकार किसानों के लिए वार्षिक न्यूनतम आय सहायता योजना को अपनाने वालों में अंतिम थी।
आजादी का अमृत महोत्सव केंद्र और राज्य सरकारों की एक पहल है। इसे पिछले साल पीएम नरेंद्र मोदी ने भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में लॉन्च किया था। अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा ‘गुमनाम नायकों’ या भारत के भीतरी इलाकों के अनसुने स्वतंत्रता सेनानियों व क्रांतिकारियों की कहानियों को याद करना है।