मालदा। ओल्ड मालदा नगर पालिका के व्यस्त इलाके सदरघाट मोड़ पर ट्रैफिक कंट्रोल व्यवस्था नहीं होने से आम लोग से लेकर व्यापारी परेशान हैं। उल्लेखनीय है कि इस इलाके के एक छोर पर मालदा कोर्ट स्टेशन, गोदाम और इंडियन ऑयल का ऑफिस है। जहां रोजाना बड़ी संख्या में डीजल और पेट्रोल लदे ट्रक गुजरते हैं। सदरघाट मोड़ पर कई मछली और मांस की दुकानें भी हैं। बस स्टैंड व अन्य वाहनों का कोई निश्चित स्टैंड नहीं है। नतीजतन, सप्ताह के हर दिन गाड़ियां जहां तहां खड़ी होकर ट्रैफिक जाम एक बड़ी समस्या बन जाती है। यातायात नियंत्रण व्यवस्था नहीं होने से जहां आम राहगिरों को परेशानी उठानी पड़ रही है वहीं व्यापारियों ने भी शिकायत की है कि इस ट्रैफिक जाम के कारण उनके व्यवसाय को नुकसान हो रहा है।
संबंधित क्षेत्र के व्यवसायियों ने भी पूरी स्थिति को लेकर ओल्ड मालदा थाने की पुलिस व प्रखंड प्रशासन से आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की है। सदरघाट क्षेत्र में ओल्ड़ मालदा नगरपालिका के कई वार्डों के हजारो परिवार रह रहे हैं। एक तरफ महानंदा नदी बह रही है। उस घाट से अनेक लोग उस नदी को पारापार करते हैं। दूसरी तरफ है मालदा-नालगोला राज्य राजमार्ग। जहां रोजाना बड़ी संख्या में वाहन यात्रियों को लेकर सफर करते हैं। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के गोदाम तक डीजल, पेट्रोल के साथ रोजाना कितने ही ट्रक आवाजाही करते हैं। इसके अलावा, कई यात्री लोकल ट्रेन पकड़ने के लिए रोजाना मालदा कोर्ट स्टेशन जाते हैं। कुल मिलाकर ओल्ड मालदा के सदरघाट इलाके में ट्रैफिक जाम से आम लोग व व्यवसायी परेशान हैं।
व्यवसायियों को हो ही परेशानी– सदरघाट व्यापारी संघ के पदाधिकारी संतोष हलदार ने कहा, मेरी कपड़े की दुकान है। लेकिन ट्रैफिक जाम के कारण ठीक से व्यवसाय नहीं कर पा रहा हूं। धूल उड़ रही है, इसके अलावा रोजाना कई वाहन दुकान के सामने अवैध रूप से खड़े किए जा रहे हैं। कम से कम यहां एक सिविक वोलेंटियर तो होना ही चाहिए। उन्होेने आगे कहा कि सदरघाट चौराहे पर हमने पहले भी इलेक्ट्रिक ट्रैफिक सिग्नल की मांग की थी। लेकिन कुछ भी स्वीकार नहीं किया गया।
इसलिए पुलिस व प्रशासन से सदरघाट मोड़ पर तत्काल यातायात व्यवस्था शुरू करने की गुहार लगाई है। संबंधित क्षेत्र के कुछ लोगों के अनुसार नेता व मंत्रियों के क्षेत्र में आने पर ही ट्रैफिक कंट्रोल किया जाता है। ओल्ड मालदा नगर पालिका के अध्यक्ष कार्तिक घोष ने कहा कि उस क्षेत्र में यातायात नियंत्रण व्यवस्था की जरूरत है। मामले को पुलिस व प्रशासन के संज्ञान में लाया जाएगा। संबंधित थाने की पुलिस का कहना है कि वह उस इलाके में ट्रैफिक कंट्रोल के मामले को गंभीरता से देखेगी।