मालदा। आदिवासी का एक बड़ा संगठन आदिवासी एकल अभियान, के नेता और कार्यकर्ता छह सूत्री मांगों को लेकर उग्र आंदोलन की राह पर चल पड़े। शनिवार सुबह छह बजे से आदिवासी संगठन के सैकड़ों नेताओं व कार्यकर्ताओं ने मालदा के गजोल प्रखंड के अदीना स्टेशन में रेलवे लाइन को जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही उस संगठन के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने मालदा के राष्ट्रीय राजमार्ग 34 को भी जाम करने की चेतावनी दी है। हालांकि आंदोलन की शुरुआत मालदा ही नहीं बल्कि झारखंड, बिहार, असम, उड़ीसा समेत पश्चिम बंगाल में भी हो चुकी है, इसकी जानकारी आदिवासी एकल अभियान ने दी है।
आदिवासी एकल अभियान में मौजूद प्रदर्शनकारी नेताओं व कार्यकर्ताओं के मुताबिक इस साल सरना धर्म के लिए अलग कॉलम कोर्ट शुरू करने की मांग की गई थी। परेशनाथ पहाड़ भी उन्हें सौंपने, झारखंड राज्य में, सांवतली भाषा को पहली राजभाषा की स्विकृति देने सहित ऐसी ही छह सूत्रीय मांगों को लेकर रेल रोको आंदोलन शुरू हुआ है। आदिवासी एकल अभियान के उत्तर बंगाल अंचल अध्यक्ष मोहन हांसदा ने कहा, हम अपनी मांगों को लेकर काफी समय से केंद्र सरकार से गुहार लगा रहे हैं। लेकिन केंद्र सरकार आदिवासियों को किसी भी तरह से महत्व नहीं दे रही है।
इसलिए हमने पिछले दिन रेल रोको अभियान के कार्यक्रम की घोषणा कर आज इस आंदोलन और नाकाबंदी की शुरुआत की है। सुबह छह बजे से रेल परिचालन शुरू कर दिया गया है। इस बीच आदिना स्टेशन पर रेलवे लाइन पर बैठे आदिवासियों के विरोध के चलते उत्तर बंगाल और दक्षिण बंगाल के बीच संचार व्यवस्था पूरी तरह से कट गई है।
रेलवे सूत्रों के मुताबिक लंबी दूरी की कई ट्रेनें विभिन्न स्टेशनों पर खड़ी हैं। हालांकि स्थिति को सामान्य करने के लिए रेलवे प्रशासन और जिला प्रशासन के अधिकारी आदिना में आदिवासियों के धरना स्थल का दौरा कर बातचीत कर रहे हैं। उन्हें आश्वासन देने का सिलसिला भी शुरू हो गया है।