नयी दिल्ली। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि अपने शिष्य आनंद गिरि, पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी, उनके बेटे संदीप तिवारी की वजह से ‘ भारी मानसिक तनाव’ में थे और उन्होंने समाज की नजरों में ‘‘ मानहानि और अपमान’’ से बचने के लिए जीवन लीला समाप्त कर ली थी। उनकी मौत की जांच कर रही सीबीआई ने अपने आरोप पत्र में यह दावा किया है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने वह वीडियो भी बरामद किया है जिसे महंत ने आत्महत्या करने से पहले कथित तौर पर रिकॉर्ड किया था।
इसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि आनंद गिरि ‘ संपादित वीडियो’ जारी करने वाले थे जिसमें उन्हें महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में दिखाया गया है। एजेंसी ने 20 नवंबर को आरोप पत्र दाखिल किया है जिसमें प्रयागराज स्थित बड़े हनुमान मंदिर के पुजारी आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी और संदीप तिवारी को आरोपी बनाया गया है और सभी इस समय आत्महत्या के लिए उकसाने, आपराधिक साजिश रचने के आरोप में न्यायिक हिरासत में हैं।
गौरतलब है कि नरेंद्र गिरि संतों के सबसे बड़े संगठन के अध्यक्ष थे और 20 सितंबर को प्रयागराज के बाघम्बरी मठ के कमरे में उनका शव फंदे से झूलता हुआ मिला था। आरोप पत्र के मुताबिक नरेंद्र गिरि को भय था कि आनंद गिरि महिला के साथ उनका कथित संपादित वीडियो जारी कर सकते हैं ताकि उनकी छवि धूमिल की जा सके। एक अन्य वीडियो में वह अपने शिष्यों से दूसरे के चेहरे पर तस्वीर लगाकर वीडियो बनाने के बारे में पूछते नजर आ रहे हैं।