कोलकाता। पश्चिम बंगाल में लॉटरी के जरिये करोड़पति बनने का सिलसिला लगातार जारी है। गौरतलब है कि एक रात में लखपति व करोड़पति बनने का सपना लेकर लोग लॉटरी का टिकट खरीदते हैं। उम्मीद यही करते हैं कि उनका नंबर आयेगा, लेकिन इस उम्मीद में वे लाखों रुपये फूंक देते हैं। अब लोगों के इस सपने के साथ भी भ्रष्टाचार हो रहा है। लॉटरी व्यापारियों का ही दावा है कि कई लोगों ने लॉटरी के धंधे को काले धन को सफेद करने का माध्यम बना लिया है।
लॉटरी के धंधे में एक गिरोह काम कर रहा है, जो काले धन को सफेद करने में जुटा हुआ है हाल के दिनों में केंद्रीय जांच एजेंसियों के खुलासे से यह स्पष्ट हो गया है कि लॉटरी के इस धंधे की आड़ में काले धन को सफेद करने का धंधा भी चल रहा है। असल में लॉटरी में एक करोड़ रुपये की रकम जीतने वालों को ‘आयकर की कटौती के बाद करीब 72 लाख रुपये मिलते हैं।
गिरोह के लोग विजेता को लॉटरी के टिकट के बदले और अधिक राशि देने का प्रलोभन देते हैं। विजेता को 80 से 90 लाख और कभी-कभी पूरे इनाम की राशि अर्थात एक करोड़ रुपये नकद देने की पेशकश की जाती है। कई विजेता अपनी सुरक्षा के लिए व कभी दबाव में अपने टिकट को किसी और को बेच देते हैं। बता दें कि टीएमसी के कई नेताओं के नाम लॉटरी विजेता के रूप में सामने आने पर इस बात की भनक लगी। इन सबके पीछे किसका हाथ है इसकी जांच की जा रही है।