भगवान श्री गणेश जी विसर्जन एवं अनन्त चतुर्दशी व्रत 17 सितम्बर मंगलवार को

शुभ मुहूर्त में करें श्री गणपति जी का विसर्जन

अनंत चतुर्दशी व्रत 17 सितम्बर मंगलवार को

कोलकाता। श्री गणेश उत्सव जोर-शोर से मनाया जा रहा है। शनिवार 07 सितम्बर श्री गणेश चतुर्थी के दिन जिस जोश से लोगों ने गणपति जी को अपने घर एवं अन्य स्थानों में विराजमान किया था, अब गणपति बप्पा की विदाई का वक्त भी पास है। श्री गणेश जी के कुछ भक्त गणेश जी को अपने घर में 1 दिन, 3 दिन, 5 दिन, 7 दिन, 9 दिन और 10 दिन रखते हैं। अनंत चतुर्दशी 17 सितंबर मंगलवार को लोग श्री गणेश जी का विसर्जन करेंगे। श्री गणेश जी के भक्त अपने घर धूमधाम से श्री गणेश जी को लेकर आते हैं और 10 दिन अपने साथ रखकर उतनी ही धूमधाम से अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणपति की विदाई करते है।

श्री गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त इस प्रकार है : दिनांक 17 सितम्बर 2024 मंगलवार अनंत चतुर्दशी के दिन प्रातः 11 बजकर 45 मिनट के पहले श्री गणेश जी विसर्जन करें, क्योंकि 17 सितम्बर मंगलवार के दिन सुबह 11 बजकर 45 मिनट पर पूर्णिमा का श्राद्ध शुरू होगा और भद्रा काल भी, इस दिन भद्रा कुम्भ राशि की है, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब कर्क, सिंह, कुम्भ एवं मीन राशि में चंद्रमा रहते हैं तो भद्रा का निवास मृत्युलोक में होता है। मृत्युलोक की भद्रा में शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। मंगलवार 12 सितंबर को भद्रा मृत्युलोक की है।

श्री गणेश प्रतिमा की बिदाई इस प्रकार करें : श्री गणेश जी को जिस दिन विदा करना है, उस दिन उनका पूजन और आरती करें और श्री गणेश जी को लड्डू का भोग लगाएं और प्रसाद श्रीगणेश जी के भक्तों को बांटें। भगवान गणपति को विसर्जित करने से पहले एक बार फिर आरती करें, ध्यान रहे कि श्रीगणेश जी की प्रतिमा को पानी में फेंका नहीं जाता, उन्हें आदर के साथ समस्त सामग्री के साथ धीरे-धीरे विसर्जित किया जाता है।

इस वर्ष अनन्त चतुर्दशी 17 सिंतबर मंगलवार को है। इस दिन भगवान विष्णु के अनन्त स्वरूप का पूजन किया जाता है। इस व्रत का पूजन नदी या सरोवर तट पर करने का विधान है इस दिन चौदह ग्रंथियों (गांठों) से युक्त अनन्तसूत्र (डोरी) रखें। इसके बाद ‘ॐ अनन्ताय नम:’ मंत्र से भगवान विष्णु तथा अनंत सूत्र का पूजन कर अनन्त सूत्र को मंत्र पढकर पुरुष अपने दाहिने हाथ और स्त्री बाएं हाथ में बांध लें।

अनन्त चतुर्दशी पूजन एवं विसर्जन का शुभ मुहूर्त 17 सितम्बर मंगलवार को सुबह 06 बजकर 14 मिनट से शुरू होकर इसी दिन सुबह 11 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। अनंत चतुर्दशी का पर्व भक्ति, एकता और सौहार्द का प्रतीक है, देश भर में इस त्‍योहार को धूमधाम से मनाया जाता है।

ज्योतिर्विद रत्न वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 99938 74848

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