लोकसभा चुनाव 2024: अब 27 एप्स और आईटीसी सिस्टम से नजर रख 100 मिनट में कार्रवाई होगी- कैंडिडेट को धनबल बाहुबल का इस्तेमाल भारी पड़ेगा

चुनाव आयोग का लोकसभा चुनाव 2024 ऐतिहासिक बनाने का फैसला
पैसे बांटने या लालच देने की शिकायत मतदाता सी विजिल ऐप से सीधे चुनाव आयोग को करने की व्यवस्था-100 मिनट में करवाई सराहनीय- एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर दुनियां के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में आज दिनांक 27 मार्च 2023 को प्रथम चरण के चुनाव के नामांकन की अंतिम तिथि बीत गई जिसमें 109 सीटों के लिए नामांकन दाखिल किए गए। अब चुनाव प्रचार की तैयारी जोर-शोर से शुरू हो चुकी है। परंतु मेरा मानना है कि कैंडिडेट कार्यकर्ताओं व नेताओं को चुनाव आयोग द्वारा जारी आचार संहिता का पूर्ण रूपेण सख़्ती के साथ पालन करना होगा, क्योंकि वर्तमान डिजिटल युग में चुनाव आयोग 27 एप्स और आईटीसी के माध्यमों से कैंडिडेट के अभियान पर पैनी नजर गड़ाए बैठा है। थोड़ी सी भी चूक हुई यानें 100 मिनट के अंदर कार्यवाही होगी। हम हर चुनाव में देखते हैं कि चुनावी कत्ल की रात याने चुनाव के 1 दिन पहले वाली रात को खूब हरे-हरे बटते हैं, जो सभी अपने-अपने मोहल्ले में देखते होंगे। कुछ चुनावों में मैंनें भी अपनी आंखों से देखा है कि कार्यकर्ता आते हैं और घरों में प्रति व्यक्ति वोटर के हिसाब से हरे बांट कर चले जाते हैं। हालांकि यह अलग बात है कि आधा माल अंदर होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता जो के कैंडिडेट को भी मालूम रहता है। परंतु जिस तरह चुनाव अधिकारियों ने इस बार 2024 के चुनावों को ऐतिहासिक बनाने की ठानी है और 27 एप्स व आईटीसी से नजर रखकर आम जनता से सी विजिल एप पर शिकायत से मात्र 100 घंटे में कार्रवाई की बात कही है उससे गंभीरता काफी बढ़ जाती है, जो रेखांकित करने वाली बात है। चूंकि चुनाव आयोग इस बार इस चुनाव को ऐतिहासिक बनाने 27 एप व आईटीसी से नजर रखने पर जोर दे रहा है। इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आलेख के माध्यम से चर्चा करेंगे, पैसे बांटने या लालच देने की शिकायत मतदाता सी विजिल एप से सीधे चुनाव आयोग से करेगा और 100 घंटे में कार्रवाई की व्यवस्था की गई है जो सराहनीय बात है।

साथियों बात अगर हम चुनाव आयोग द्वारा सी विजिल एप पर शिकायत करने पर 100 घंटों में कार्यवाही की करें तो, लोकसभा चुनाव 2024 में स्वतंत्र और निष्पक्ष वोटिंग के लिए चुनाव आयोग कड़ी तैयारी कर रही है। इस कड़ी में इलेक्शन कमीशन ने आचार संहिता के उल्लंघन को रोकने के लिए सी-विजिल नाम का एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया है। सी- विजिल ऐप सभी स्मार्टफोन पर आसानी से काम करेगा। इस ऐप के जरिए आचार संहिता के उल्लंघन पर नजर रखी जाएगी। सी-विजिल ऐप के माध्यम से आम नागरिक आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लघंन की शिकायत कर सकते हैं। इस ऐप को गूगल प्ले स्टोर या ऐप स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। इस ऐप के जरिए आम नागरिक, लाइव फोटो और लाइव वीडियो अपलोड कर अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा शिकायतकर्ता सी-विजिल ऐप में लॉगिन करके अपनी कम्प्लेन को ट्रैस भी कर सकते हैं। इस ऐप की सबसे खास यह है कि इसमें नाम या मोबाइल नंबर की कोई बाध्यता नहीं है। 100 मिनट के अंदर होगा शिकायत का निष्तारण, लेकिन शिकायतकर्ता अपना नाम व मोबाइल नंबर देता है तो ऐप के माध्यम से अपनी शिकायत की निगरानी भी कर सकता है। शिकायत निस्तारण की समयावधि 100 मिनट है।

शिकायत दर्ज होने पर संबंधित रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा अपने नजदीक के उड़न दस्ता (एफएसटी) टीम को शिकायत स्थल पर भेजा जाता है। वोटर्स का बड़ा हथियार लोकसभा चुनाव हों या विधानसभा चुनाव, अकसर ऐसी खबरें आती हैं कि उस इलाके में किसी कैंडिडेट की ओर से पैसे बांटे गए या फिर वोटर्स को लुभाने के लिए लालच दिया गया। ऐसे मामलों पर लगाम में यह ऐप काफी मददगार साबित हो सकता है। इस ऐप के जरिए कोई भी व्यक्ति सीधे अपनी शिकायत को चुनाव आयोग तक पहुंचा सकता है। शिकायत मिलते ही 100 मिनट में एक्शन और उससे जुड़े स्टेटस का भी पता चल सकता है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि वोटर ऐप से अपना बूथ नंबर चेक कर सकते हैं। अगर कोई उम्मीदवार लालच दे रहा है या फिर पैसे बांट रहा तो इस ऐप से शिकायत भी कर सकते हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि नागरिकों को कोई भी शिकायत है तो वो ऐप से भेज सकते हैं। इसमें कहीं भी कोई पैसा बांटने का केस है, चुनावी लालच दिया जाने का मामला है तो बस तुरंत एक फोटो लीजिए और टेक्स्ट लिखिए और हमें भेज दीजिए। जैसे ही आप तस्वीर और शिकायत भेजते हैं हम आपकी लोकेशन खुद ट्रेस कर लेंगे। मोबाइल की लोकेशन से हम आपसे संपर्क करेंगे। महज 100 मिनट के अंदर हम अपनी टीम भेज कर आपकी शिकायत पर एक्शन लेंगे।

साथियों बात अगर हम केवाईसी और बीएचए सहित 27 एप्स की करें तो, यही नहीं चुनाव आयोग ने इस चुनाव को ऐतिहासिक बनाने के लिए कई बड़े फैसले लिए है। इस बार कहीं कोई कैंडिडेट धनबल-बाहुबल का इस्तेमाल करते हुए पकड़ा गया तो उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि चुनाव आयोग ने टेक्नोलॉजी के जरिए फोकस बढ़ाने पर जोर दिया है। लोकसभा चुनाव में इस बार आयोग 27 ऐप्स और आईटी सिस्टम के जरिए लोगों की मदद करेगा। इनमें ये तीन ऐप्स बेहद अहम हैं। इन ऐप्स के जरिए जहां एक ओर सर्विलांस में मदद मिलेगी तो दूसरी ओर मतदाता अपने प्रत्याशियों की जानकारी ले सकेंगे। इसके जरिए चुनाव से जुड़ी हर अहम जानकारी, शिकायत से लेकर परमिशन तक सीधे आपको मिल सकेगी। ये तीनों ऐप हैं वीएचए, सी विजिल और केवाईसी जिनके जरिए वोटर जरूरी जानकारी हासिल कर सकते हैं। वीएचए यानी वोटर हेल्पलाइन ऐप चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर वोटर हेल्पलाइन ऐप की सुविधा दी है। ये ऐप मतदाताओं की मदद में अहम रोल अदा करेगा।

जैसे इस ऐप के जरिए आप वोटिंग लिस्ट में अपना नाम चेक कर सकते हैं। ये जांच सकते हैं आप वोट डाल सकते हैं या नहीं। अगर आपका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है तो इसके जरिए मतदाता अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। अगर रजिस्ट्रेशन में कोई गड़बड़ी है तो उसमें सुधार के लिए प्रॉसेस अपना सकते हैं। इस ऐप के जरिए आप डिजिटल फोटो वोटर स्लिप डाउनलोड कर सकते हैं। मतदाता सूची से नाम हटाना है, शिकायत करनी है, इलेक्शन रिजल्ट देखना है, उम्मीदवार की जानकारी लेनी है तो ये ऐप मददगार है। इसे गूगल प्ले स्टोर और ऐपल ऐप स्टोर से फ्री में डाउनलोड कर सकते हैं। केवाईसी यानी नो योर कैंडिडेट ऐप। इस ऐप के जरिए मतदाताओं को चुनाव लड़ रहे कैंडिडेट्स की हर जानकारी मिलेगी। इसमें उम्मीदवार का कोई क्रिमिनल बैकग्राउंड तो नहीं है इसकी डिटेल मिल जाएगी। वोटर इस ऐप के जरिए उम्मीदवार का नाम जान सकते हैं। उनका राजनीतिक करियर, आपराधिक मामलों की स्थिति से जुड़ी जानकारी मिल सकेगी। इसके जरिए लोग कैडिडेट की ओर से दिए गए चुनावी हलफनामे को देख सकते हैं और सभी जरूरी जानकारी पा सकते हैं।

साथियों बात अगर हम चुनाव के दौरान सोशल मीडिया का अनुचित उपयोग पर चुनाव आयोग की नजर की करें तो, चुनाव के दौरान सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाले राजनीतिक दल और प्रत्याशी सावधान हो जाएं। सोशल मीडिया पर जारी होनेवाली हर सूचना पर चुनाव आयोग की पैनी नजर है। चुनाव आयोग ने इस बार के लोकसभा चुनाव 2024 में सोशल मीडिया की बढ़ी उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए जिला से लेकर प्रदेश स्तर पर इसकी मॉनीटरिंग के लिए टीम गठित की है। टीम ना केवल जारी सूचना की जांच करेगी, बल्कि आचार संहिता का उल्लंघन दिखने पर कार्रवाई कर सकती है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने ईटीवी भारत के जरिए लोगों से अपील की है कि सोशल मीडिया पर किसी तरह का अनर्गल पोस्ट करने से बचें। चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया के जरिए आनेवाली भ्रामक खबरों पर नजर रखने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके दायरे में यूट्यूब चैनल के माध्यम से आनेवाली खबरें भी आएंगी। इसके लिए आयोग ने एक्सपर्ट टीम तैयार की है। जिसमें आईटी से जुड़े लोग, मीडिया क्षेत्र से जुड़े प्रतिनिधि और विभागीय अधिकारी शामिल हैं।समाचार चैनल और अखबारों में आनेवाली खबरें भी इसके दायरे में है।हर दिन जिला स्तर पर अखबार और चैनल में प्रकाशित खबरों की समीक्षा प्रदेश मुख्यालय में गठित टीम के द्वारा की जा रही है।

सुखद पहलू यह है कि अब तक आचार संहिता के उल्लंघन के कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है। भविष्य में यदि इस तरह का कोई मामला आयोग की नजर में आएगा तो शोकॉज के बाद विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी। आईटी अधिनियम की धारा 69 और 79 (3) के तहत प्रत्येक राज्य में अधिकारियों को फर्जी सोशल मीडिया पोस्ट को हटाने का अधिकार चुनाव आयोग को है। चुनाव आयोग ने फर्जी कहानी करने की कोशिश करने वालों पर कार्रवाई करने के लिए पूरी तैयारी कर रखी है। इसके लिए मिथक बनाम वास्तविकता परियोजना शुरू करने जा रही है। लोकसभा चुनाव निष्पक्ष रूप से कराने के लिए चुनाव आयोग हर मुमकिन प्रयास कर रहा है, इसके तहत सोशल मीडिया पर निगरानी बढ़ाई गई है।

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी : संकलनकर्ता, लेखक, कवि, स्तंभकार, चिंतक, कानून लेखक, कर विशेषज्ञ

साथियों बात अगर हम चुनाव आयोग के कड़े तेवरों और कार्रवाई के रुख की करें तो, लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही देश में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने चुनाव की तारीखों का ऐलान करते हुए राजनीतिक दलों से प्रचार के दौरान मर्यादा बनाकर रखने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा था कि मैं पार्टियों से व्यक्तिगत हमलों और अभद्र भाषा से परहेज करने का आग्रह करता हूं। अखबारों में बड़ा-बड़ा छप जाता है कि इसकी लहर, उसकी लहर, इन पर कड़ी नजर रखी जाएगी। ऐसा कुछ भी समाचार पत्र में छपेगा तो साफ तौर से बताना होगा कि ये विज्ञापन है। बिना जानकारी दिए ऐसा कुछ पेश किए जाने पर एक्शन हो सकता है।

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि लोकसभा चुनाव 2024- अब 27 एप्स और आईटीसी सिस्टम से नजर रख 100 मिनट में कार्रवाई होगी- कैंडिडेट को धनबल बाहुबल का इस्तेमाल भारी पड़ेगा।चुनाव आयोग का लोकसभा चुनाव 2024 ऐतिहासिक बनाने का फैसला।पैसे बांटने या लालच देने की शिकायत मतदाता सी विजिल ऐप से सीधे चुनाव आयोग को करने की व्यवस्था- 100 मिनट में करवाई सराहनीय है।

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