बंगाल में सोमवार से शाम 7 बजे तक ही चलेंगी लोकल ट्रेनें, यात्रियों को होगी परेशानी

कोलकाता। बंगाल में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने सोमवार से मिनी लाकडाउन जैसे प्रतिबंधों को लागू करने का आदेश जारी किया है। इसमें लोकल ट्रेनों को 50 प्रतिशत यात्री क्षमता के साथ शाम सात बजे तक ही चलने की अनुमति दी गई है। सोमवार, तीन जनवरी से शाम सात बजे के बाद कोई लोकल ट्रेन सेवा उपलब्ध नहीं होगी। इधर, राज्य सरकार की इस घोषणा के बाद दैनिक यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बन गई है।

उपनगरीय क्षेत्रों और एवं आसपास के जिलों से बड़ी संख्या में लोग प्रतिदिन लोकल ट्रेनों से कोलकाता में अपने कार्यस्थल पर आते-जाते हैं। वहीं, इस बार शाम सात बजे के बाद लोकल ट्रेन सेवा बंद करने का आदेश जारी किया गया है तो कुछ यात्रियों को इस बात की चिंता सता रही है कि वे अपने घर कैसे लौटेंगे? लोकल ट्रेनों से नियमित तौर पर सफर करने वाले यात्री इसको लेकर बेहद परेशान हैं।

लोग अब सवाल कर रहे हैं कि काम के बाद वे घर आखिर कैसे लौटेंगे। हालांकि, राज्य में पिछले कुछ दिनों से जिस दर से कोरोना अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगा है, लोगों का एक वर्ग राज्य सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को सही ठहरा रहे हैं। आम जनता के कुछ वर्गों को लगता है कि यह कड़ा फैसला लेना जरूरी था। उनके मुताबिक इन पाबंदियों को लगाने का फैसला राज्य प्रशासन को पहले ही लेना चाहिए था। इससे पहले कोविड की पहली लहर व दूसरी लहर के दौरान साल 2020 और 2021 में लंबे समय तक लोकल ट्रेन की सेवाएं राज्य में पूरी तरह बंद रही थी।

राज्य सरकार ने इसपर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि इस बार राज्य सरकार ने लोकल ट्रेनों के संचालन पर पूरी तरह प्रतिबंध की बजाय 50 प्रतिशत यात्री क्षमता के साथ चलाने की अनुमति दी है। बंगाल में पिछले कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और शनिवार को संक्रमण के चार हजार 512 नए मामले सामने आए। अकेले कोलकाता में दो हजार 398 नए मामले सामने आए। बंगाल में संक्रमण की दर पिछले दिन के 8.46 प्रतिशत से बढ़कर 12.02 प्रतिशत हो गई है।

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