आइए जानते हैं कि वास्तु शास्त्र के नियम के आधार पर हमारा घर कितना खरा उतरता है

।।घर के लिए कुछ महत्वपूर्ण वास्तु टिप्स।।

वाराणसी । वास्तु एक प्राचीन विज्ञान है, जो हमें बताता है कि घर, कार्यालय, व्यवसाय इत्यादि में कौन सी चीज होनी चाहिए और कौन सी नहीं। साथ हीं हमें यह भी बतलाता है कि किस चीज के लिए कौन सी दिशा सही होगी। यह हमें बताता है कि वास्तु दोषों का निवारण कैसे किया जा सकता है। आइये जानते हैं वास्तु के मुख्य धन देने वाले कुछ उपाय के बारे में :-

1. पूजा घर उत्तर-पूर्व दिशा अर्थात ईशान कोण में बनाना सबसे अच्छा रहता है। अगर इस दिशा में पूजा घर बनाना सम्भव नहीं हो रहा हो, तो उत्तर दिशा में पूजा घर बनाया जा सकता है।
लेकिन ध्यान रखें कि ईशान कोण सर्वश्रेष्ठ दिशा है।

2. पूजा घर में प्रतिमा स्थापित नहीं करनी चाहिए क्योंकि घर में प्राण प्रतिष्ठित मूर्ति का ध्यान उस तरह से
नहीं रखा जा सकता है जैसा कि रखा जाना चाहिए अतः छोटी मूर्तियाँ और चित्र ही पूजा घर में लगाने चाहिए।

3. सीढ़ी के नीचे पूजा घर नहीं बनाना चाहिए।

4. फटे हुए चित्र, या खंडित मूर्ति पूजा घर में बिल्कुल नहीं होनी चाहिए।

5. पूजा घर और रसोई या बेडरूम एक हीं कमरे में नहीं होना चाहिए।

6. घर के मालिक का कमरा दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए. अगर इस दिशा में सम्भव न हो, तो उत्तर-पश्चिम दिशा दूसरा सर्वश्रेष्ठ विकल्प है।

7. गेस्ट रूम उत्तर-पूर्व की ओर होना चाहिए। अगर उत्तर-पूर्व में कमरा बनाना सम्भव न हो, तो उत्तर पश्चिम दिशा दूसरा सर्वश्रेष्ठ विकल्प है।

8. उत्तर-पूर्व में किसी का भी बेडरूम नहीं होना चाहिए।

9. रसोई के लिए दक्षिण-पूर्व दिशा सबसे अच्छी होती है।

10. शौचालय और स्नानघर दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना सर्वश्रेष्ठ है।

11. घर की सीढ़ी सामने की ओर से नहीं होनी चाहिए और सीढ़ी ऐसी जगह पर होनी चाहिए कि घर में घूसने वाले व्यक्ति को यह सामने नजर नहीं आनी चाहिए।

12 सीढ़ी के पायदानों की संख्या विषम 21, 23, 25 इत्यादि होनी चाहिए।

13. सीढ़ी के नीचे शौचालय, रसोई, स्नानघर, पूजा घर इत्यादि नहीं होने चाहिए। सीढ़ी के नीचे कबाड़ भी नहीं रखना चाहिए।

14. सीढ़ी के नीचे कुछ उपयोगी सामान रख सकते हैं और सीढ़ी के नीचे रखे हुए सामान सुसज्जित होने चाहिए।

15. घर का कोई भी रैक खुला नहीं होना चाहिए। उसमें पल्ले जरुर लगाने चाहिए।

16. कमरे की लाइट्स पूर्व या उत्तर दिशा में लगी होनी चाहिए।

17. घर के ज्यादातर कमरों की खिड़कियाँ और दरवाजे उत्तर या पूर्व दिशा में खुलने चाहिए। सीढ़ी पश्चिम दिशा में होनी चाहिए।

18. घर का मुख्य दरवाजा दक्षिणमुखी नहीं होना चाहिए। अगर मजबूरी में दक्षिणमुखी दरवाजा बनाना पड़ गया हो, तो दरवाजे के सामने एक बड़ा सा आईना लगा दें।

19. घर के प्रवेश द्वार में ॐ या स्वस्तिक बनाएँ या उसकी थोड़ी बड़ी आकृति लगाएँ।

20. पूजा घर में या उत्तर-पूर्व दिशा में जल से भरकर कलश रखें।

21. शयनकक्ष में भगवान की या धार्मिक आस्थाओं से जुड़ी तस्वीर नहीं लगानी चाहिए।

22. ताजमहल एक मकबरा है, इसलिए न तो इसकी तस्वीर घर में लगानी चाहिए और न हीं इसका कोई शो पीस घर में रखना चाहिए।

23. जंगली जानवरों के फोटो घर में नहीं रखने चाहिए।

24. पानी के फुहारे को घर में नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि इससे धन नहीं ठहरता है।

25. नटराज की तस्वीर या मूर्ति घर में नहीं रखनी चाहिए, क्योंकि इसमें शिवजी ने विकराल रूप लिया हुआ है।

26. महाभारत का कोई भी चित्र घर में नहीं रखना चाहिए। क्योंकि इससे कलह कभी खत्म नहीं होता है।

manoj jpg
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें
जोतिर्विद वास्तु दैवज्ञ
पं. मनोज कृष्ण शास्त्री
9993874848

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

four × 2 =