काली दास पाण्डेय, मुंबई । 28 सितंबर 1929 दिन शनिवार को लता दीदी इंदौर की धरा पर अवतरित हुई थीं और संयोग ही है कि बसंत पंचमी 5 फरवरी 2022 दिन शनिवार को उनकी हालत बेहद नाजुक हो गई और वो कोमा में चली गईं उसके बाद 6 फरवरी रविवार को उनके निधन का समाचार हृदय को व्यथित कर गया। हुई आंखें नम और दिल भर आया। सरस्वती पूजा के अगले ही दिन सरस्वती का स्वर और गायन थम गया। जानकारी के अनुसार सुबह 8.12 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। आठ जनवरी को वह कोरोना संक्रमित हुई थीं। खराब स्वास्थ्य की समस्या से जूझ रहीं 92 वर्षीय लता जी पिछले करीब एक महीने से मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थीं।
अपने लगभग 78 साल के करियर में करीब 25 हजार गीतों को अपनी आवाज देने वाली लता मंगेशकर को कई पुरस्कारों और सम्मानों से नवाजा गया था। तीन बार उन्होंने राष्ट्रीय अवार्ड अपने नाम किया था। अपनी मधुर आवाज से लोगों को मोह लेने वाली लता मंगेशकर को प्रतिष्ठित भारत रत्न और दादा साहेब फालके अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था। लता जी का निधन संपूर्ण कला जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। बॉलीवुड में आज सन्नाटा पसरा हुआ है। जिसकी वजह स्वर कोकिला लता मंगेशकर का यूं अचानकर इस दुनिया को अलविदा कहकर चले जाना है। स्वर कोकिला के निधन से आम हो या फिर खास हर किसी की आँख नम है।