मुंबई। कुमार मंगलम बिड़ला ने वोडाफोन आइडिया लिमिटेड बोर्ड के गैर-कार्यकारी निदेशक और गैर-कार्यकारी अध्यक्ष का पद छोड़ दिया है। एक नियामक फाइलिंग में, कंपनी ने कहा कि कंपनी ने बिड़ला के पद छोड़ने के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है। कंपनी ने कहा, वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के निदेशक मंडल ने आज हुई अपनी बैठक में, कुमार मंगलम बिड़ला के गैर-कार्यकारी निदेशक और गैर-कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में पद छोड़ने के अनुरोध को 4 अगस्त 2021 को कामकाजी घंटों की समाप्ति से स्वीकार कर लिया है।
वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (वीआईएल) ने कहा कि कंपनी के बोर्ड ने सर्वसम्मति से हिमांशु कपानिया को गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में चुना है। कपानिया, आदित्य बिड़ला समूह की ओर से नामित किए गए थे। वह 25 वर्षों के अनुभव के साथ एक दूरसंचार उद्योग के दिग्गज हैं। इसमें वैश्विक स्तर पर दूरसंचार कंपनियों में महत्वपूर्ण बोर्ड अनुभव भी शामिल है।
उन्होंने दो साल के लिए ग्लोबल जीएसएमए बोर्ड में भी काम किया है और दो साल के लिए सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) के अध्यक्ष भी रहे हैं। वह वर्तमान में दूरसंचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और डिजिटल अर्थव्यवस्था पर फिक्की परिषद के अध्यक्ष हैं। इसके अलावा नामांकन और पारिश्रमिक समिति की सिफारिश के आधार पर, बोर्ड ने चार अगस्त, 2021 से आदित्य बिड़ला समूह के नामित सुशील अग्रवाल को अतिरिक्त निदेशक (गैर कार्यकारी और गैर स्वतंत्र) के रूप में नियुक्त किया है।
अग्रवाल कंपनी के किसी अन्य निदेशक से संबंधित नहीं हैं और सेबी के किसी आदेश या किसी अन्य प्राधिकरण के आधार पर निदेशक के पद पर बने रहने से वंचित नहीं हैं। बता दें कि कुमार मंगलम बिड़ला ने इससे पहले केंद्र सरकार को पत्र लिखकर मंशा जताई थी कि वो वोडाफोन आइडिया में अपनी हिस्सेदारी को सरकार को सौंपना चाहते हैं।
बिड़ला का इस्तीफा उनका वह बयान सार्वजनिक होने के कुछ दिनों बाद सामने आया है, जब उन्होंने कैबिनेट सचिव को लिखा था कि वह कंपनी को चालू रखने के लिए कर्ज में डूबी कंपनी में अपनी हिस्सेदारी सरकारी संस्थाओं को सौंपने को तैयार हैं। वोडाफोन आइडिया जो पहले से ही कमजोर वित्तीय स्थिति में है, पर एजीआर बकाया के रूप में 50,399.63 करोड़ रुपये बकाया है। यह पहले ही 7,854.37 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुकी है।