कृष्ण कुमार बेदिल की नयी पुस्तक “ग़ज़ल अरूज के आईने में” पुस्तक का विमोचन संपन्न

कोलकाता । विश्व पुस्तक दिवस के दिन एक ऐसी पुस्तक का विमोचन कार्यक्रम हुआ जिस पुस्तक से ग़ज़ल सीखने वालों को बड़ा फायदा पहुँचने वाला है। जी हाँ मैं बात कर रहा हूँ कृष्ण कुमार बेदिल जी की नयी पुस्तक “ग़ज़ल अरूज़ के आईने में”
इस पुस्तक का विमोचन कार्यक्रम भावांजलि मंच के यूट्यूब चैनल पर सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम में कृष्ण कुमार बेदिल के साथ अम्बाला से अंजलि गुप्ता सिफ़र (संचालिका) पटियाला से मधु मधुमन, गाँधी नगर से संजीव प्रभाकर, छिंदवाड़ा से अंजुमन आरज़ू मंसूरी एवं कानपुर से मधु मोहिल स्क्रीन के इसपार मौजूद थे। वहीं स्क्रीन के उसपार नीता केसरी, रीमा पाण्डेय, वीणा मेदनी, कमल पुरोहित, मनीषा भसीन नारायण, सोनिया अक्स, सपना अहसास, शादाब अंजुम, प्रवीण सक्सेना, महव जबलपुरी और कईं साथी मौजूद थे।

संगीत और शब्दों का इतना अच्छा तालमेल कहीं देखने को नहीं मिलता इसलिए ग़ज़ल के शिल्प में तकनीकी ज्ञान की जरूरत होती है :- संजीव प्रभाकर

मुझे जब अपने लेखन में कमी महसूस होती है तो मैं ऐसी ही किताब को खोल कर पढ़ती हूँ और कमी को दूर करने में पुस्तक सहायता जरूर करती है :- मधु मोहिल

गुरु मिल पाना वर्तमान समय में बहुत मुश्किल होता है लेकिन किताब हमारी सच्ची मित्र और गुरु होती है। ग़ज़ल अरूज़ के आईने में पुस्तक नवांकुरों के लिए एक धरोहर साबित होगी :- अंजुमन आरज़ू

मैं भी पहले यही सोचती थी कि बह्र ओ रदीफ़ काफ़ियों से कौन जूझता फिर बाद में यह ख़याल आया कि “मधुमन जरा सा डूब कर देखो तो इसमें तुम, फिर जान जाओगे ये पाबंदियां है क्यूँ” :- मधु मधुमन

हिंदी भाषियों के लिए यह पुस्तक बहुत फायदेमंद होगी :- अंजलि गुप्ता सिफ़र

इस किताब की जितनी कमाई है वह वृद्धाश्रम की सेवा के लिए है :- कृष्ण कुमार बेदिल

सूचना : इस कार्यक्रम को भावांजलि के यूट्यूब चैनल पर देखा जा सकता है।

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