कोलकाता। कोलकाता पुलिस और कोलकाता नगर निगम ने कोविड-19 और सुरक्षा प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए शहर के निर्धारित 24 घाटों पर दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए बड़े इंतजाम किए हैं। राज्य के गृह विभाग द्वारा जारी एक निर्देश के अनुसार, कोलकाता की 3,000 दुर्गा मूर्तियों को शुक्रवार से 18 अक्टूबर के बीच 24 घाटों में विसर्जित किया जा सकता है, जिनमें मुख्य रूप से बाबूघाट, सर्वमोंगोला घाट और अहिरीटोला स्थित घाट हैं।
विसर्जन के दौरान प्रदूषण को रोकने के लिए भी नगर निकाय ने उपाय किए हैं। इसने घाटों के बगल में एक कृत्रिम कुंड बनाया है और मूर्तियों पर पानी का छिड़काव किया जाएगा ताकि मिट्टी और अन्य पदार्थ नदी के पानी को प्रदूषित न करें। ढांचों को तत्काल डंपिंग ग्राउंड तक ले जाने की व्यवस्था भी की गई है। फूलों जैसे अन्य पदार्थों को भी एकत्र कर अलग स्थान पर भेज दिया जाएगा।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “कोविड की स्थिति को देखते हुए, सभी आयोजकों को पंडालों से सीधे घाटों पर आने के लिए कहा गया है। विसर्जन के दौरान या उससे पहले कोई जुलूस या मूर्तियों का प्रदर्शन नहीं होगा। आयोजकों को कोविड प्रतिबंधों का पालन करने के लिए कहा गया है। केवल तीन व्यक्तियों को घाट में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी”
उन्होंने कहा, “उपायुक्त रैंक के एक अधिकारी द्वारा सभी घाटों की देखरेख की जाएगी। हुगली नदी की ओर जाने वाली सड़कों पर वरिष्ठ स्तर के अधिकारी होंगे। गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखने के लिए घाटों के बगल में वॉच टावरों का निर्माण किया गया है।
विसर्जन के दौरान हम लोगों पर नजर रखने के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल करेंगे।” इसके अलावा कोलकाता पुलिस ने नदी यातायात पुलिस और आपदा प्रबंधन विभाग को भी किसी भी तरह की घटना के लिए तैयार रहने को कहा है।